
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (सोर्स-सोशल मीडिया)
Register Complaint On 1915: भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से संचालित राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) ने ग्राहकों के हितों की रक्षा करते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले आठ महीनों में हेल्पलाइन ने देशभर के उपभोक्ताओं को कुल 45 करोड़ रुपये का रिफंड वापस दिलवाया है।
यह प्रणाली अदालती कार्रवाई से पहले ही विवादों को सुलझाने में एक प्रभावी और समयबद्ध माध्यम साबित हो रही है। इस पहल ने न केवल आम जनता का पैसा सुरक्षित किया है, बल्कि उपभोक्ता आयोगों पर मुकदमों के बोझ को भी काफी कम किया है।
25 अप्रैल से 26 दिसंबर 2025 के बीच हेल्पलाइन ने करीब 31 अलग-अलग क्षेत्रों की शिकायतों पर काम किया। इस दौरान कुल 67,265 शिकायतों का निपटारा किया गया। सबसे अधिक रिफंड ई-कॉमर्स क्षेत्र में मिला है, जहां उपभोक्ताओं को 32 करोड़ रुपये वापस मिले हैं।
इसके बाद यात्रा और पर्यटन क्षेत्र का नंबर आता है, जिसमें 3.5 करोड़ रुपये का रिफंड दिलाया गया। यह दर्शाता है कि ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रैवल बुकिंग के दौरान होने वाली धोखाधड़ी या सेवाओं में कमी पर सरकार की पैनी नजर है।
NCH ने केवल बड़ी कंपनियों ही नहीं, बल्कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं से जुड़े विवादों को भी सुलझाया है। हेल्पलाइन के जरिए एजेंसी सेवाओं के लिए 1.3 करोड़ रुपये और खराब इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए 1.1 करोड़ रुपये वापस कराए गए।
साथ ही, एयरलाइन कंपनियों की मनमानी से परेशान यात्रियों को भी 95 लाख रुपये का रिफंड मिला है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत यह तंत्र विवादों के त्वरित और किफायती समाधान को संभव बना रहा है जिससे आम आदमी को कानूनी चक्करों में नहीं पड़ना पड़ता।
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सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को बेहद सरल बना दिया है। पीड़ित उपभोक्ता टोल-फ्री नंबर 1915 के माध्यम से अपनी भाषा में शिकायत दर्ज करा सकते हैं, क्योंकि यह सुविधा अब 17 भाषाओं में उपलब्ध है।
इसके अलावा, व्हाट्सएप (8800001915), एसएमएस, ईमेल और मोबाइल ऐप जैसे आधुनिक माध्यमों का भी उपयोग किया जा सकता है। उमंग (UMANG) ऐप और वेब पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करने की लचीली सुविधा दी गई है, जो उपभोक्ताओं की जवाबदेही और उनके कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।






