महिलाएं एकल परिवार में रहना क्यों चाहती हैं(सौ.सोशल मीडिया)
आज 15 मई को समूचे विश्व में अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जा रहा है। परिवार जीवन की वह अनमोल संपत्ति है, जिसके बिना जीवन अधूरा सा लगता है। यह सिर्फ खून के रिश्तों का बंधन नहीं, बल्कि प्यार, विश्वास और अपनापन का एक खूबसूरत संगम होता है। परिवार के इसी महत्व के बारे में सभी को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस 15 मई को मनाया जाता है।
मौजूदा समय में लोग अपने परिवार से दूर होते जा रहे हैं, जहां उनके पास एक दूसरे के लिए वक्त नहीं होता। ऐसे में उनके बीच का भावनात्मक लगाव कम होने लगता है और परिवार में विघटन होने लगता है।
परिवार के विघटन का सबसे पहला उदाहरण है संयुक्त परिवार का एकल परिवारों में परिवर्तित होना। एकल परिवार का एक प्रमुख कारण महिलाओं को माना जाता है कि इस दौर की अधिकतर महिलाएं एकल परिवार में रहना पसंद करती हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, संयुक्त परिवार की परंपरा से निकलकर आज की महिलाएं स्वतंत्रता, निजता और करियर को प्राथमिकता दे रही हैं। प्रश्न है कि महिलाएं संयुक्त परिवार के सामने एकल परिवार में रहना ज्यादा क्यों पसंद करती हैं। एकल परिवार के फायदे और नुकसान क्या हो सकते हैं। आज अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस के अवसर पर आइए जानते है एकल परिवार के फायदे और नुकसान क्या हो सकते हैं।
आखिर महिलाएं क्यों एकल परिवार में रहना पसंद करती हैं :
निर्णय लेने की स्वतंत्रता
आपको बता दें, एकल परिवार में पति-पत्नी दोनों को अपने लिए और परिवार के लिए निर्णय लेने की अधिक स्वतंत्रता प्राप्त होती है। यहां उन्हें अधिक परिवार के सदस्यों से एकमत होने की जरूरत नहीं होती।
घरेलू कलह का कम होना
एकल परिवार में सदस्यों की संख्या कम होने के कारण घरेलू कलह का कम होती है। वहीं, संयुक्त परिवार में तीन पीढ़ियां, पिता के भाई और उनके परिवार के साथ रहते हैं। अधिक सदस्य होने से वैचारिक मतभेद भी अधिक होने की संभावना रहती है। एकल परिवार में तुलनात्मक कम घरेलू कलह की स्थिति बनती है।
बच्चों की परवरिश में आपकी सोच
कई महिलाएं चाहती हैं कि वे अपने बच्चों को अपने सिद्धांतों और आधुनिक दृष्टिकोण से पालें, जो संयुक्त परिवार में थोड़ा कठिन हो सकता है। बच्चे को कैसे विचार देने है, उसके भविष्य से जुड़े फैसले लेने के लिए एकल परिवार की मां अधिक स्वतंत्र होती है।
तनाव रहित माहौल
जब एक छत के नीचे अलग-अलग विचारों और रुचि रखने वाले लोग साथ रहते हैं तो विवाद की स्थिति बनना स्वाभाविक है। संयुक्त परिवारों में कई बार विचारों का टकराव, परंपराओं का दबाव और जिम्मेदारियों का बोझ महिलाओं को मानसिक रूप से थका देता है। एकल परिवार अपेक्षाकृत शांत और नियंत्रित होता है।
करियर और आत्मनिर्भरता
जो महिलाएं नौकरीपेशा या कामकाजी होती है, वह चाहती हैं कि घर और दफ्तर दोनों को बेहतर तरीके से संभाल सकें। चूंकि एकल परिवार का दायरा छोटा होता है, तो उनके लिए घर और दफ्तर दोनों संभालने में कम समस्या आती है। इसलिए एकल परिवार में महिलाएं ज्यादा पसंद करती हैं।
क्या है एकल परिवार के नुकसान
जहां एकल परिवार के कुछ फायदे है तो वही इसके कुछ नुकसान भी हैं। जो इस प्रकार हैं-
एकल परिवार का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि, बच्चों को अपने दादा-दादी, चाचा-चाची का स्नेह नहीं मिल पाता। एकल परिवार के बच्चे अकेलेपन में बड़े होते हैं।
एकल परिवार में आपात स्थिति में सहारा कम होता है। संयुक्त परिवार में अगर एक पर कोई समस्या आती है तो परिवार के अन्य सदस्यों की मदद व सहारा मिल जाता है। एकल परिवार में सदस्यों को बाहर से मदद मांगनी पड़ती है।
महिला पर घर-बाहर की दोहरी जिम्मेदारी आ जाती है। उन्हें जितना ध्यान अपने दफ्तर या बाहर के काम ले देना होता है, उतना ही ध्यान घर परिवार और बच्चों की परवरिश में भी देना पड़ता है जो कि संयुक्त परिवार में करने की इतनी आवश्यकता नहीं होती।
एकल परिवार में रहने वाले सदस्य कई बार अकेलापन महसूस करते हैं, जिससे डिप्रेशन का खतरा हो सकता है। तीज त्योहारों में यह अकेलापन अधिक स्पष्ट हो जाता है। सामाजिकता और पारिवारिक मूल्य कमजोर हो सकते हैं।