केपी शर्मा ओली ने प्रदर्शनकारियों को लिखा भावुक संदेश (फोटो- सोशल मीडिया)
Nepali Gen Z Protests: नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए है। इसके चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देने पड़ा। बताया जा रहा है कि ओली जल्द ही देश छोड़कर भागने की तैयारी में है। इसी बीच तख्तापलट के बाद पहली बार उन्हें जेन-जी आंदोलनकारियों के लिए एक भावुक संदेश दिया है। एक लिखित संदेश के जरिए उन्होंने जारी हिंसा और युवाओं की मौत पर दुख जताया और सभी पक्षों से शांति और संवाद की अपील की।
ओली ने साफ किया कि वे इस समय शिवपुरी के एक सुरक्षित सैन्य घेरे में हैं। इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे देश छोड़कर दुबई चले गए हैं। अपने संदेश में उन्होंने उन युवाओं को श्रद्धांजलि दी जो प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गए। इसके साथ ही ओली ने आरोप लगाया कि बाहरी ताकतों मे नेपाली युवाओं का उपयोग करके तख्तापलट को अंजाम दिया गया है।
अपने संदेश में ओली ने कहा कि उनके खुद के कोई संतान नहीं हैं, लेकिन पिता बनने की इच्छा कभी मरी नहीं। उन्होंने 1994 में अपने गृह मंत्री कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उनके समय में किसी भी प्रदर्शन पर गोली नहीं चलाई गई थी और उनकी प्राथमिकता हमेशा शांति रही है।
ओली ने आरोप लगाया कि कुछ शक्तियाँ युवाओं का इस्तेमाल नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता फैलाने के लिए कर रही हैं। उन्होंने कहा, “महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों में आगजनी और तोड़फोड़ अचानक नहीं हुई है। मासूम चेहरों का इस्तेमाल गुमराह करने वाली राजनीति के लिए किया जा रहा है।”
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ओली ने इसके साथ ही लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा पर नेपाल के दावों को फिर से दोहराया। ये वो इलाके हैं जहां भारत और नेपाल के बीच सीमा को लेकर सालों के विवाद है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक शासन की रक्षा जिसमें बोलने, घूमने और सवाल करने का अधिकार शामिल है उनके जीवन का मकसद रहा है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब नेपाल में जारी जेन-जी आंदोलन के दौरान अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 600 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। साथ की नेपाल के युवाओं देश की करोड़ो की संपत्ति को जलाकर खाक कर दिया है।