डल झील में तैरते दिखेंगे मतदान केंद्र (सोर्स:-सोशल मीडिया)
श्रीनगर: लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर देश की सियासत में गर्माहट है, लगातार कई सारी अटकलों के बीच आज चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू कश्मीर में मतदान के तारीख का ऐलान कर दिया है। बात अगर जम्मू कश्मीर की करें तो धारा 370 हटने के बाद राज्य में पहली बार चुनाव होंगे, जिसको लेकर वहां के लोंग समते देश की राजनीतिक पार्टियों में भी एक अलग प्रकार का उत्साह है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए चुनाव आयोग ने इस चुनाव को और खास बनाने का प्रयास किया है।
जी हां धारा 370 हटने के बाद पहली बार होने होने वाले विधानसभा चुनाव को चुनाव आयोग ने खास बनाने का निर्णय लिया है, जिसके लिए मतदान क्रेंद को अलग ढांचे में तैयार करने का ऐलान किया है। इसी खास पोलिंग बूथ के बारे में जानकारी देते हुए चुनाव आयोग के आयुक्त ने राजीव कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया रहा। दुनिया में सबसे ज्यादा मतदान अगर कहीं किसी चुनाव में हुआ तो वह लोकसभा चुनाव 2024 था।
जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने कहा कि यहां 3 चरण में होने वाले मतदान के लिए कुछ पोलिंग बूथों को खास बनाया जाएगा। जिसमें कुछ पोलिंग बूथ को डल झील के बीच बनाया जाएगा। जो झील में तैरते हुए दिखने वाला है। इसके साथ ही इस मतदान केंद्र पर जानें के लिए लोगों को नौका का इस्तमाल करना पड़ेगा।
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चुनाव आयोग के द्वारा दी गई जानकारी की माने तो इस बारे जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा को लेकर कुछ अहम जानकारी दी है जिसमें मतदान केंद्र को डल झील पर तीन तैरते मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। जहां तक जानें के लिए नौका और शिकारा का उपयोग किया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि डल झील पर 70- खार मोहल्ला आबी करपोरा पुलिस चौकी में केवल तीन मतदाता हैं।
जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में चुनाव आयोग ने जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव 3 फेज में कराए जाएंगे, जिसमें पहला पेज 18 सितंबर को, दूसरा फेस का चुनाव 25 सितंबर को और तीसरे फेज का चुनाव 1 अक्टूबर को होगा।
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भारत में चुनाव को एक त्योहार की तरह माना जाता है। जिसके लिए इस बार चुनाव आयोग ने भी अपनी तैयारी तेज कर ली है और धारा 370 हटने के बाद लोगों में वोटिंग को लेकर उत्साह बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग का ये फैसला काफी अहम हो सकता है, जिसके बाग लोग वोटिंग का महत्व समझकर मतदान करने के लिए पोलिंग बूथ तक जाएं।