जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. दरख़्शां अंद्राबी की अशोक चिन्ह विवाद पर टिप्पणी (फोटो- सोशल मीडिया)
Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ वाली एक शिलापट्टी को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। बीते 3 सितंबर को बीजेपी नेता और जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. दरख़्शां अंद्राबी ने इस शिलापट्टी का उद्घाटन किया था, जिसे ईद-ए-मिलाद के दिन कुछ लोगों ने तोड़ दिया। इस घटना के बाद अंद्राबी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए शिलापट्टी तोड़ने वालों को ‘आतंकी’ करार दिया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है वहीं, विपक्षी दल इस मामले में अंद्राबी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
यह पूरा मामला अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जैसी पार्टियों का आरोप है कि दरगाह में राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह लगाकर मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। इन पार्टियों ने दरख़्शां अंद्राबी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। इस बीच, बीजेपी नेता अंद्राबी ने कहा है कि जिन लोगों को अशोक स्तंभ से दिक्कत है, उन्हें प्रतीक चिन्ह वाले नोट भी नहीं रखने चाहिए।
इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दरख़्शां अंद्राबी ने कहा कि कुछ लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं। श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “यह घटना सिर्फ पत्थर पर दाग नहीं है, यह मेरे दिल पर दाग है यह संविधान पर एक दाग है” उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या यहां के नेता और मुख्यमंत्री प्रतीक चिन्ह का उपयोग नहीं करते हैं? उन्होंने इसे अंजाम देने वालों को आतंकवादी से कम नहीं बताया और कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
डॉ. दरख़्शां अंद्राबी जम्मू-कश्मीर की एक जानी-मानी बीजेपी नेता हैं। वे बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य, जम्मू-कश्मीर बीजेपी की कोर ग्रुप सदस्य और पार्टी की प्रवक्ता भी हैं। इसके अलावा, वह जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं। उन्होंने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर से साल 2008 में उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी।
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इस मामले पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर राष्ट्रीय प्रतीकों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। उन्होंने इस घटना की जांच की बात भी कही है, ताकि भविष्य में इस तरह के विवादों से बचा जा सके।