राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता का दावा करने वाले भाजपा नेता को ED का समन (फोटो- सोशल मीडिया)
BJP Leader Claim Rahul Gandhi UK Citizenship: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर ब्रिटेन की नागिरकता वाले बयान की एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दायर कर उनकी ब्रिटिश नागरिकता का दावा करने वाले बीजेपी नेता विग्नेश शिशिर को अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समन भेजा है। ईडी ने यह कदम शिशिर के उन दावों के बाद उठाया है जिसमें उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में अपना कारोबार चलाने के लिए वहां की नागरिकता ले रखी है, जिसके सबूत उनके पास मौजूद हैं।
केंद्रीय एजेंसी ने याचिकाकर्ता विग्नेश शिशिर को अपने दावों के समर्थन में सबूत पेश करने और विस्तृत जानकारी देने के लिए तलब किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी यह जानना चाहती है कि राहुल गांधी की विदेश में कौन सी कंपनी है या किस विदेशी बैंक में उनका खाता है। खुद विग्नेश शिशिर ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें ईडी का समन मिला है और उन्हें 9 सितंबर को एजेंसी के सामने पेश होकर अपने दावों से जुड़े सभी दस्तावेज और जानकारियां साझा करनी हैं।
प्रवर्तन निदेशालय इस मामले को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के एंगल से भी देख रहा है। एजेंसी यह पता लगाना चाहती है कि क्या इस मामले में फेमा के नियमों का कोई उल्लंघन हुआ है। इसके साथ ही, ईडी की नजर राहुल गांधी के कथित विदेशी बैंक खातों से हुए ट्रांजैक्शन और विदेश में हुई आय पर भी है। याचिकाकर्ता विग्नेश ने पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया था कि ब्रिटेन की सरकार ने राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ी जानकारी केंद्र सरकार के साथ साझा की है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी याचिका के कारण गृह मंत्रालय ने भी उन्हें एक नोटिस भेजा था।
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विग्नेश शिशिर ने अपनी जनहित याचिका में दावा किया है कि उनके पास ब्रिटिश सरकार के ईमेल और दस्तावेज हैं, जिनसे यह साबित होता है कि राहुल गांधी को ब्रिटेन की नागरिकता मिली हुई है। उन्होंने अपनी दलील में कहा है कि भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, इसलिए राहुल गांधी का भारत में वोट देने का अधिकार खत्म होना चाहिए और उन्हें चुनाव लड़ने से भी अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। इससे पहले जुलाई में एक सुनवाई के दौरान शिशिर ने लंदन, वियतनाम और उज्बेकिस्तान से मिले दस्तावेज भी कोर्ट को सौंपने की बात कही थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में ब्रिटेन से जानकारी जुटाने और याचिकाकर्ता को सुरक्षा देने का निर्देश भी दिया था।