मुंबई: महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण आंदोलन (Maratha Reservation Protest) के दौरान भड़की हिंसा के बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। जिसके बाद मौके पर तनाव का माहौल बना हुआ है। इस घटना में 38 पुलिस कर्मी सहित कई लोग घायल हुए है। इस बीच इस घटना पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है।
जालना घटना पर बोलते हुए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि नवंबर 2014 में, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में गठबंधन (युवति) सरकार सत्ता में थी, तब सरकार ने मराठा आरक्षण की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने भी सरकार द्वारा लिए गए मराठा आरक्षण के फैसले को बरकरार रखा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अलग फैसला लिया। हर कोई जानता है कि यह किसी की लापरवाही के कारण है। मराठा आरक्षण का मामला फिलहाल कोर्ट में है।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को अदालत में लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कुछ कठिनाइयां हैं, और राज्य सरकार उन्हें हल करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि राज्य सरकार ने राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था जिसे उच्चतम न्यायालय ने मई 2021 में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक होने का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि जालना जिले में आंदोलन के दौरान लाठीचार्ज की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस आंदोलन के नेता जारांगे पाटिल से मेरी बातचीत हुई। उनकी मांगों को लेकर मेरी अध्यक्षता में बैठकें भी हुईं। उनकी मांगों पर सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है। हालाँकि, उसके बाद भी आंदोलन शुरू हो गया।
उन्होंने कहा कि मैंने जारांगे पाटिल से आंदोलन वापस लेने का अनुरोध किया था लेकिन विरोध अभी भी जारी रहा, हालांकि, विरोध के दौरान जारांगे पाटिल की हालत खराब हो गई, कलेक्टर और एसपी वहां गए क्योंकि वे उनकी स्थिति के बारे में चिंतित थे। वे अनुरोध कर रहे थे कि जारांगे पाटिल को अस्पताल में भर्ती कराया जाए। हालाँकि ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना उसी वक्त घटी। उन्होंने आगे कहा कि मैंने घटना की उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिये हैं। साथ ही, मैंने इस घटना में सभी घायलों का इलाज सरकारी खर्च पर करने के निर्देश दिए हैं।
बीते शुक्रवार को पुलिस ने धुले-सोलापुर मार्ग पर अंतरवाली सारथी में एक हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्च किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने हवा में गोलीबारी की। हिंसक आंदोलन के दौरान पथराव किए गए थे जिसमें 38 पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए थे। अब तक इस घटना में करीब 360 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘जालना के गोंडी पुलिस थाने में 16 आंदोलनकारियों, जिनकी पहचान कर ली गई है, और लगभग 350 अन्य लोगों के खिलाफ शुक्रवार को हुई हिंसा के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। ” उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 307 (हत्या का प्रयास), 333 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और अन्य सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांवा) के अध्यक्ष शरद पवार ने ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों” पर लाठीचार्ज करने के लिए सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने के मुद्दों पर विपक्ष के गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में चर्चा की गई और इन मुद्दों को संसद में उठाया जाएगा।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने मराठा आरक्षण की मांग से जुड़े प्रदर्शन के दौरान जालना जिले में हुई हिंसा को लेकर शनिवार को उपमुख्यमंत्री फडणवीस के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की।