25 हजार लाडली बहने हुई अपात्र (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli News: विस चुनाव में गेंम चेंजर साबित हुई मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना में एक से अधिक योजनाओं का लाभ लेनेवाले और सरकारी नौकरी, चौपहिया वाहन वाले महिलाओं को योजना से अपात्र करने का निर्देश सरकार द्वारा दिया गया है।इस अंतर्गत जिला परिषद के महिला व बालकल्याण विभाग द्वारा जांच की जा रही है। इस जांच अंतर्गत जिले की करीब 25 हजार बहने अपात्र साबित हुई है। इनमें से करीब 1929 लाभार्थियों का इस योजना अंतर्गत अनुदान कायमस्वरूपी बंद किया गया है।वहीं करीब 651 बहनों ने स्वयं ही अपना आवेदन खारिज किया है।
मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना घोषित होते ही राज्य समेत जिले की अनेक महिलाओं ने सभी शर्तो की ओर अनदेखी करते हुए आवेदन पेश किया था। शुरूआत में सरकार द्वारा इस मामले की ओर गंभीरता से ध्यान नहीं देते सभी आवेदन पात्र कर योजना का लाभ दिया। लेकिन अनेक महिलाओं द्वारा सरकार को ठगाने की बात स्पष्ट होते ही सरकार ने अनेक निकष लगाते हुए आवेदनों की जांच शुरू कर निकष पर खरे न उतरनेवाली महिलाओं को नाम कम कर उन्हें योजना के लाभ बाहर करने का कार्य शुरू किया। गडचिरोली जिले में 2.63 लाख महिलाओं ने आवेदन किया था। इनमें से 2.63 लाख आवेदन पात्र किये गये थे।
महिलाओं ने संजय गांधी, किसान सम्मान योजना आदि समेत अन्य योजनाओं का भी लाभ लेने की बात सामने आयी। इसके साथ ही अनेक सरकारी कर्मचारी महिलाओं समेत चौपहिया वाहन वाले महिलाओं ने भी इस योजना का लाभ लेने की बात स्पष्ट हुई। जिससे ऐसे महिलाओं की जानकारी एकजुट करेन की प्रक्रिया शुरू करने पर जिले में करीब 24 हजार 929 लाभार्थी महिलाओं को इस योजना के लाभ से अपात्र किया गया है।
इनमें से 15 हजार से अधिक महिलाओं ने एक से अधिक योजनाओं का लाभ लेने और 10 हजार से अधिक महिलाओं के परिजनों के नाम चौपहिया वाहन होने की बात स्पष्ट हुई। तहसील स्तर से प्राप्त सुची नुसार 25 हजार के करीब लाडली बहनों को अपात्र किए जाने की जानकारी महिला व बालकल्याण विभाग ने दी है।
लाडली बहन योजना में बडे पैमाने पर अनियमितता दिखाई दी है। एक ही परिवार की दो से अधिक महिलाओं ने इस योजना का लाभ लेने की बात सामने आयी है। अनेक जगहों पर फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर परिवार की तिसरी-चौथी महिलाओं ने भी इस योजना का लाभ लिया है। इस मामले पर लगाम कसने के लिये सरकार ने कडे कदम उठाकर ऐसे लाभार्थी महिलाओं के नाम के आगे एफएससी मल्टिपल इन फॅमिली ऐसा लिख उनका आवदेन खारिज किया जाएगा। जिससे इन महिलाओं को मिलनेवाला लाभ भी बंद होगा।
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विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन महायुती सरकार ने लाडली बहन योजना शुरू करते समय निकष न जांच करते हुए आवेदन मंजूर किया था। जिससे राज्य की तिजोरी पर अधिक बोझ बड गया। प्रशासन द्वारा लाभार्थियों की सूची जांच की जा रही है। जांच में अनेक फर्जी आवेदन सामने आये है। इसमें दो योजनाओं का लाभ, सरकारी कर्मचारी परिवार की महिला द्वारा लाभ लेने समेत अमीर लाडली बहने भी इस योजना का लाभ लेने की बात स्पष्ट हुई है।जिससे अनेक लाडली बहनों को योजना से अपात्र किए जाने से योजना का लाभ लेनेवाली लाडली बहनों की संख्या कम होने के चित्र दिखाई दे रहे है।
जिप गडचिरोली की महिला व बालकल्याण अधिकारी ज्योती कडु ने कहा कि सरकार के महिला व बालकल्याण विकास विभाग के आदेश नुसार लाडली बहन योजना के आवेदनों की दोबारा जांच की जा रही है। अब तक जिले के 25 हजार के करीब महिलाएं अपात्र हुई है। इस संदर्भ में जानकारी सरकार को भिजवायी गई है। सरकार के आदेश नुसार संबंधित महिलाओं पर कार्रवाई की जाएगी।