राकांपा विधायक धनंजय मुंडे (pic credit; social media)
Dhananjay Munde Controversy: सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने बुधवार को मांग की कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विधायक धनंजय मुंडे 48 घंटे के भीतर मुंबई में अपना सरकारी बंगला खाली करें। दमानिया ने दावा किया कि आवास के इस्तेमाल के लिए उन पर 46 लाख रुपये का बकाया है।
दमानिया ने चेतावनी दी कि यदि मुंडे बंगला ‘सतपुड़ा’ खाली नहीं करते और 46 लाख रुपये का बकाया भुगतान नहीं करते तो वह राज्य सरकार को कानूनी नोटिस भेजेंगी। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मुंडे ने पहले दावा किया था कि उनके पास मुंबई में कोई घर नहीं है, लेकिन उनके 2024 के चुनावी हलफनामे में गिरगांव चौपाटी पर एक फ्लैट का उल्लेख है जिसका वर्तमान में उपयोग नहीं किया जा रहा है। इसलिए, उनका सरकारी बंगले में बने रहना गलत है। उन्हें 46 लाख रुपये का पूरा किराया भी देना चाहिए।”
मध्य महाराष्ट्र के बीड जिले से ताल्लुक रखने वाले राकांपा के नेता ने पांच महीने से अधिक समय पहले खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उन्होंने सरकारी आवास खाली नहीं किया है। मुंडे ने मार्च की शुरुआत में इस्तीफा ऐसे समय दिया था जब दिसंबर में बीड जिले में एक गांव के सरपंच की हत्या के सिलसिले में उनके एक प्रमुख सहयोगी की गिरफ्तारी हुई थी।
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मुंडे ने पहले कहा था कि वह बंगला खाली नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास मुंबई में रहने के लिए कोई और जगह नहीं है। हालांकि, दमानिया ने बताया कि राकांपा नेता के 2024 के चुनावी हलफनामे में ‘वीरभवन’ नामक एक इमारत में 2,151 वर्ग फुट के एक फ्लैट का उल्लेख किया गया है, जो चार बेडरूम वाला अपार्टमेंट प्रतीत होता है। दमानिया ने दलील दी कि कानून के अनुसार, मुंडे को तुरंत सरकारी बंगला खाली करना होगा क्योंकि वह अब कैबिनेट मंत्री नहीं हैं।
दमानिया ने कहा कि वह इस मुद्दे पर राज्य सरकार को कानूनी नोटिस भेजेंगी। उन्होंने कहा कि यदि मुंडे 48 घंटे के भीतर ऐसा नहीं करते तो वह सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाएंगी और बकाया राशि की वसूली के साथ-साथ उन्हें बंगला खाली कराने के लिए दबाव डालेंगी। राज्य के पूर्व मंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया कि मुंबई स्थित उनके मौजूदा घर का नवीनीकरण किया जा रहा है और इसलिए उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि काम पूरा होने तक उन्हें सरकारी बंगले में रहने की अनुमति दी जाए।