मलाला यूसुफजई ने भारत और पाकिस्तान से की साझा दुश्मनों से निपटने की अपील
Malala Yousafzai: भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पाकिस्तान की तरफ से भारत के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के 9 ठिकानों को नष्ट कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत के एयर स्ट्राइक काम हो मुंहतोड़ जवाब देने की धमकी दी है। इसी बीच नोबल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई ने दोनों देशों से शांति की अपील की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आतंक के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया है और बताया है कि हम एक दूसरे के दुश्मन नहीं है, बल्कि नफरत और हिंसा हमारे साझा दुश्मन हैं।
मलाला ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, नफरत और हिंसा हमारे साझा दुश्मन हैं, एक दूसरे के नहीं। मैं भारत और पाकिस्तान के नेताओं से तनाव कम करने, नागरिकों – खासकर बच्चों – की सुरक्षा करने और विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट होने के लिए कदम उठाने का पुरजोर आग्रह करती हूं। मलाला ने आगे लिखा, मैं दोनों देशों के सभी निर्दोष पीड़ितों के प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। मैं इस खतरनाक समय में पाकिस्तान में अपने सभी दोस्तों और परिवार – और सभी शिक्षकों, अधिवक्ताओं और लड़कियों के बारे में सोच रही हूं, जिनके साथ हम काम करते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संवाद और कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए अभी से कदम उठाना चाहिए। शांति ही हमारी सामूहिक सुरक्षा और समृद्धि के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
Hatred and violence are our common enemies, not each other. I strongly urge leaders in India and Pakistan to take steps to de-escalate tensions, protect civilians — especially children — and unite against the forces of division.
I send my deepest condolences to the loved ones of…
— Malala Yousafzai (@Malala) May 7, 2025
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कौन हैं मलाला यूसुफजई
मलाला यूसुफजई एक पाकिस्तानी कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता हैं जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष किया है। उनका जन्म 12 जुलाई 1997 को स्वात घाटी, पाकिस्तान में हुआ था। मलाला ने अपने बचपन से ही लड़कियों की शिक्षा के महत्व को समझा और इसके लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया। मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई एक शिक्षा कार्यकर्ता थे जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए काम किया था। मलाला ने अपने पिता से प्रेरणा लेकर लड़कियों की शिक्षा के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने ब्लॉग पर लड़कियों की शिक्षा के महत्व के बारे में लिखा और तालिबान के शासन के खिलाफ आवाज उठाई।
मलाला पर हमला
2012 में मलाला पर तालिबान ने हमला किया था। उन्हें गोली मार दी गई थी और वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। इस हमले के बाद मलाला को इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया था।
मलाला की उपलब्धियां
मलाला ने अपने संघर्ष के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं। उन्हें 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता हैं।