कुमारी सैलजा व भूपेन्द्र सिंह हुड्डा (डिजाइन फोटो)
चंडीगढ़: हरियाणा के चुनावी कुरुक्षेत्र में सत्ता के लिए संग्राम चल रहा है। इस सियासी संग्राम की धुरी फिलहाल फिलहाल कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा के इर्द-गिर्द घूमती हुई दिखाई दे रही है। कुमारी सैलजा नाराजगी कांग्रेस के लिए आपदा बन गई है तो वहीं बीजेपी इस आपदा में अवसर तलाश रही है। चर्चा है कि कुमारी सैलजा की नाराजगी एक तरफ चुनाव के दरम्यान कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है तो चुनाव के बाद भी गले का फांस बन सकती है। ऐसा क्यों कहा जा रहा है इसके पीछे राजनैतिक जानकारों के क्या तर्क हैं जानते हैं इस आर्टिकल में।
कुमारी सैलजा हरियाणा की सियासत में एक बड़ा चेहरा मानी जाती है। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के बाद उन्हें राज्य के अन्य शीर्ष नेताओं के समकक्ष बताया जाता है। राज्य में उनकी राजनैतिक पकड़ भी अच्छी खासी है। लेकिन हरियाणा चुनाव के बीच कांग्रेस के एक कार्यक्रम में उन पर जातिसूचक टिप्पणियां की गईं। फिर क्या था कि नाराज हुई सैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली। जिसके बाद कांग्रेस सैलजा को मनाने में जुटी हुई तो वहीं बीजेपी उन्हें सीएम पद का लालच देकर तोड़ने का प्रयास कर रही है।
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कुमारी सैलजा की नाराजगी कितनी ज्यादा है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जब यह पता चला कि कुमारी सैलजा उनके कार्यक्रम में नहीं शामिल होंगी तो उन्होंने कार्यक्रम स्थगित कर दिया। इसके चलते हरियाणा में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही चुनाव के बाद भी तगड़ा झटका दे सकती है।
हरियाणा के चुनावी माहौल और कयासों की मानें तो यहां कांग्रेस आगे दिखाई दे रही है। ऐसे में अगर कांग्रेस चुनाव जीतती है और अनुमानों के मुताबिक भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को सीएम की कुर्सी दी जाती है तो यहां मध्य प्रदेश जैसा दोहराव होने की संभावनाएं साफ दिखाई देती हैं। क्योंकि बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर उन्हें भाजपा में आने का ऑफर दे चुके हैं। इसके अलावा भजनलाल के दूसरे बेटे और भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई ने हिसार में कहा कि कुमारी शैलजा कांग्रेस की सम्मानित नेता हैं, लेकिन पार्टी में उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा है।
पंचकूला से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने शैलजा के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए कहा कि वह पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं और प्रदेश की भावी मुख्यमंत्री हैं। उनके साथ ऐसा व्यवहार उचित नहीं है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सैलजा की अनदेखी का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इस बयान को देखते हुए कहा यह भी जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें मनाने के लिए सीएम पद का ऑफर भी दे सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा।
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