
मंत्रालय में इंडिगो CEO की पेशी (फोटो- सोशल मीडिया)
Indigo CEO Meeting with Aviation Minister Ram Mohan Naidu: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले कुछ दिनों से भारी संकट से गुजर रही है। हजारों यात्रियों को हुई परेशानी के बाद अब बात सरकार तक पहुंच गई है। मंगलवार को इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुख्यालय में तलब किया गया। वहां मंत्री राम मोहन नायडू और सचिव समीर सिन्हा ने उनसे तीखे सवाल किए। बैठक का माहौल काफी गंभीर था। इसमें उड़ानों के संचालन, यात्रियों की देखभाल, रिफंड और बैगेज की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई। सरकार ने साफ कर दिया है कि यात्रियों की परेशानी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इस पूरे संकट के लिए इंडिगो के अंदरूनी मिसमैनेजमेंट और कम्युनिकेशन की कमी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि पिछले हफ्ते क्रू रोस्टर और फ्लाइट शेड्यूल में गड़बड़ी की वजह से यात्रियों को बहुत तकलीफ उठानी पड़ी। बैठक में सीईओ ने दावा किया कि अब हालात सुधर रहे हैं और बुधवार को करीब 1900 उड़ानें संचालित करने की योजना है। हालांकि, मंत्रालय ने इंडिगो को अपने रूट्स कम करने की सलाह दी है, ताकि ऑपरेशन को स्थिर किया जा सके और भविष्य में अचानक उड़ानें रद्द न करनी पड़ें।
बैठक में सीईओ पीटर एल्बर्स ने जानकारी दी कि 6 दिसंबर तक जिन उड़ानों पर असर पड़ा था, उनके यात्रियों को 100 फीसदी रिफंड दे दिया गया है। बाकी बचे रिफंड और अटके हुए सामान को जल्द से जल्द ग्राहकों तक पहुंचाने के सख्त निर्देश मंत्री ने दिए हैं। कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर रिफंड प्रक्रिया को भी आसान कर दिया है। इससे पहले सीईओ ने वीडियो संदेश जारी कर माना कि 5 दिसंबर को हालात बहुत खराब थे, जब सिर्फ 700 उड़ानें ही उड़ पाई थीं, लेकिन अब नेटवर्क सामान्य हो रहा है और 138 स्टेशनों पर सेवा बहाल है।
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यह मामला सिर्फ मीटिंग तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसकी गूंज लोकसभा में भी सुनाई दी। मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में स्पष्ट किया कि इंडिगो को नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन यानी एफडीटीएल नियमों में कोई विशेष छूट नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोई भी एयरलाइन कितनी भी बड़ी क्यों न हो, वह मनमानी नहीं कर सकती। चूंकि इंडिगो का मार्केट शेयर 65 प्रतिशत है, इसलिए सरकार अब डोमेस्टिक मार्केट में नई कंपनियों को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है ताकि एकाधिकार खत्म हो और यात्रियों को बेहतर विकल्प मिल सकें।






