(डिज़ाइन फोटो)
लखनऊ: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरक्षण पर दिए बयान पर विवाद आज भी थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। वहीं बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती उन्हें फिलहाल इस मामले में छोड़ने के मूड में कतई नहीं दिख रही हैं।
आज इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी आरक्षण के बारे में भ्रामक बयान दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि राहुल की कांग्रेस पार्टी ने ही केंद्र में अपने 10 साल के शासन के दौरान पदोन्नति में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आरक्षण विधेयक को पारित नहीं होने दिया।
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बसपा नेता ने ‘X’ पर कहा, ‘‘कांग्रेस नेता श्री राहुल गांधी की अब यह सफाई कि वे आरक्षण के विरुद्ध नहीं हैं, स्पष्टतः गुमराह करने वाली गलतबयानी है। केंद्र में भाजपा से पहले इनकी 10 साल रही सरकार में उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर एससी/एसटी का पदोन्नति में आरक्षण विधेयक पारित नहीं होने दिया।”
उन्होंने कहा, ‘‘इनके द्वारा देश में आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाने की बात भी छलावा है क्योंकि इस मामले में अगर इनकी नीयत साफ होती तो कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों में यह कार्य जरूर कर लिया गया होता। कांग्रेस ने न तो ओबीसी आरक्षण लागू किया और न ही एससी/एसटी आरक्षण को सही से लागू किया।”
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मायावती ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि जब कांग्रेस सत्ता में नहीं होती है तो इन उपेक्षित SC/ST/OBC वर्गों के वोट के स्वार्थ की खातिर इनके हित व कल्याण की बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन जब सत्ता में रहती है तो इनके हित के विरुद्ध लगातार कार्य करती है।
उन्होंने कहा कि लोग इनके इस षडयंत्र से सजग रहें। मायावती की बसपा आधिकारिक तौर पर न तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है और न ही विपक्षी दल ‘इंडिया’ गठबंधन का, जिसके प्रमुख भागीदार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी हैं।
वहीं अपने आरक्षण वाले बयान पर विवाद होने के बाद राहुल गांधी ने जरुर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को दरअसल गलत तरीके से लिया गया है। वे खुद भी आरक्षण के घोर समर्थक हैं और यह भी चाहते हैं कि आरक्षण की सीमा 50% से ज्यादा बढ़ाई जाए। वे सबकी भागीदारी के लिए राजनीति कर रहे हैं।