बी. सुदर्शन रेड्डी, फोटो: सोशल मीडिया
Justice B. Sudershan Reddy: जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इनके नाम का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि विपक्ष ने एकमत होकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सहमति जताई है।
आज विपक्ष की हाईलेवल मीटिंग के बाद बी. सुरदर्शन रेड्डी के नाम पर मुहर लग गई। अब एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के सामने सुरदर्शन रेड्डी होंगे। खरगे ने आज यानी मंगलवार को इसकी जानकारी दी। विपक्षी दलों ने एक संयुक्त उम्मीदवार का समर्थन करने का निर्णय लिया है ताकि उपराष्ट्रपति चुनाव में मजबूत प्रतियोगिता हो सके।
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “उपराष्ट्रपति पद का यह चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है। सभी विपक्षी दल इस पर सहमत भी हैं। यही कारण है कि हमने बी सुदर्शन रेड्डी को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किया है।” रेड्डी 21 अगस्त को अपना नामांकन करेंगे।
खरगे ने कहा, ‘बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा कानूनी करियर रहा है, जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य शामिल है। वे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी समर्थक रहे हैं। विपक्षी दलों ने बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना संयुक्त उम्मीदवार इसलिए बनाया है क्योंकि वे उन मूल्यों को पूरी तरह से दर्शाते हैं। वे मूल्य जिन पर हमारे देश का संविधान और लोकतंत्र टिका हुआ है। इन सभी मूल्यों पर हमला हो रहा है और इसलिए इस चुनाव को लड़ने का हमारा सामूहिक और दृढ़ संकल्प है। अभी हमारी एक बैठक हुई और सभी ने इस नाम पर सहमति व्यक्त की, इसलिए हम उन्हें उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतार रहे हैं।’
Delhi: Congress President Mallikarjun Kharge says, “B. Sudershan Reddy is one of the India’s most distinguished and progressive jurists. He has had a long and eminent legal career, including as judge of the Andhra Pradesh High Court. Chief Justice of Guwahati High Court and Judge… pic.twitter.com/Pe9fQVIw8B
— IANS (@ians_india) August 19, 2025
जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी 2007 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। रेड्डी का जन्म 8 जुलाई, 1946 को हुआ। साल 1971 में उन्होंने खुद को आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में पंजीकृत करवाया। रेड्डी ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में रिट-सिविल मामलों में प्रैक्टिस की। उन्होंने 1988 से 1990 के बीच हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में भी काम किया है।
जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी ने साल 1990 के दौरान छह महीने के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी काम किया। रेड्डी को 2 मई, 1995 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया साथ ही 2005 में गौहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश भी नियुक्त किया गया था। इसके बाद साल 2007 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया और फिर वे 2011 में रिटायर हुए।
बीजेपी ने तमिलनाडु के सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है, जिसे दक्षिण भारत की राजनीति में पैठ बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस भी इस मुकाबले में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए, पार्टी ने तेलंगाना के सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
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इसके अलावा, सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण का नेतृत्व कर चुके हैं। उनके मार्गदर्शन में ही यह सर्वे पूरा हुआ था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लंबे समय से जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठाते रहे हैं। सुदर्शन रेड्डी को सामने लाकर कांग्रेस इस मुहिम को और तेज करना चाहती है।