
असदुद्दीन ओवैसी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Asaduddin Owaisi News: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बांग्लादेश में अलग-अलग घटनाओं में दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की बेरहमी से हुई हत्याओं की निंदा की है। लेकिन इस दौरान भी वह सियासी कार्ड खेलने से बाज नहीं आए। उन्होंने इन घटनाओं को भारत की कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से भी जोड़ा है और कहा कि ऐसे कृत्यों के पीछे बहुसंख्यक राजनीति है।
मोहम्मद यूनुस सरकार के कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने और सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में स्पष्ट विफलता की दुनिया भर में निंदा हुई है। यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगियों ने भी चिंता व्यक्त की है।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “जहां तक हमारी पार्टी का सवाल है, हम दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल के साथ जो हुआ उसकी निंदा करते हैं और हम बांग्लादेश के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए किसी भी कदम का समर्थन करते हैं।”
#WATCH | Hyderabad, Telangana: AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, “As far as our party is concerned, we condemn what happened to Deepu Chandra Das and Amrit Mandal, and we support whatever steps the Government of India is taking to ensure that the relationship with Bangladesh… pic.twitter.com/4YPK75Dnb2 — ANI (@ANI) December 29, 2025
ओवैसी ने कहा कि “बांग्लादेश में जो हो रहा है, दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल के साथ हुई जघन्य घटनाएं उनकी अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों के खिलाफ हैं, और मुझे उम्मीद है कि यूनुस यह सुनिश्चित करेंगे कि बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों की रक्षा की जाए।”
ओवैसी ने इन जघन्य कृत्यों को बहुसंख्यक राजनीति से जोड़कर भारत में राजनीतिक माहौल को गरमाने की भी कोशिश की। उन्होंने भारत में हाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की तुलना बांग्लादेश में सरकार समर्थित अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न से करने में कोई संकोच नहीं किया।
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ओवैसी ने आगे कहा, “हम अपने देश में जो हो रहा है उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। 24 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के एक मजदूर को ओडिशा के संबलपुर में पीट-पीटकर मार डाला गया। उत्तराखंड में MBA कर रहे एक आदिवासी लड़के एंजेल चकमा को पीट-पीटकर मार डाला गया। सभी इस बात के उदाहरण हैं कि कानून का शासन कैसे टूट जाता है।”
ओवैसी ने अंदाज को और तीखा करते हुए अंत में कहा कि जब बहुसंख्यक राजनीति हर चीज पर हावी हो जाती है तो ऐसी लिंचिंग होती हैं, जिसकी निंदा की जानी चाहिए। AIMIM चीफ के इस बयान ने सियासत को नई गर्मी दे दी है। ऐस में देखना अहम होगा कि इस पर अन्य दलों की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है।






