
पंचानंद पाठक (सोर्स- सोशल मीडिया)
UP Politics: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बीच 23 दिसंबर की शाम को कुशीनगर से बीजेपी विधायक पंचानद पाठक (पीएन पाठक) के सरकारी आवास पर ब्राह्मण विधायकों की एक बड़ी बैठक हुई। इस घटना ने भारत के सबसे बड़े राजनीतिक राज्य में राजनीतिक माहौल को काफी गरमा दिया है।
इस बैठक में पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों के कई प्रमुख चेहरों सहित लगभग 40-50 बीजेपी विधायक और एमएलसी शामिल हुए। यह बैठक उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। अब बीजेपी विधायक पीएन पाठक ने खुद इस विवाद पर जवाब दिया है।
बीजेपी विधायक ने इस घटना के बारे में एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “जय श्री राम, जय सनातन, जय बीजेपी। सनातन परंपरा में ब्राह्मणों को समाज का मार्गदर्शक, विचारक और संतुलन बनाने वाला माना जाता है। जहां ब्राह्मण इकट्ठा होते हैं, वहां ज्ञान, बुद्धि और चिंतन का मंथन होता है, जो हिंदू पहचान को मजबूत करता है। उनका कर्तव्य समाज को एकजुट करना है, न कि बांटना।”
जय श्री राम जय सनातन जय भाजपा
सनातन परंपरा में ब्राह्मण को समाज का मार्गदर्शक, विचारक और संतुलनकर्ता माना गया है। जहाँ ब्राह्मण एकत्र होता है, वहाँ ज्ञान, विवेक और चिंतन का मंथन होता है, जो हिंदू अस्मिता को सशक्त बनाता है। उसका धर्म समाज को जोड़ना है, विभाजन नहीं।@BJP4India… — P.N. Pathak (@PNPathakBJP) December 29, 2025
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल के बीच बीजेपी विधायक पीएन पाठक ने अपने पोस्ट में ब्राह्मण समुदाय की पारंपरिक भूमिका पर जोर दिया और सनातन मूल्यों, हिंदू पहचान और बीजेपी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। बीजेपी विधायक का संदेश साफ है। इसे राजनीतिक लामबंदी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
यह ध्यान देने योग्य है कि बैठक के दौरान लिट्टी-चोखा और फल परोसे गए, और विधायकों ने इसे एक अनौपचारिक बैठक बताया। विधायकों ने कहा कि चर्चा SIR (राज्य के बुनियादी ढांचे और संसाधन), क्षेत्रीय विकास और संगठनात्मक मुद्दों पर हुई। इसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी।
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लखनऊ में ब्राह्मण विधायकों की बैठक के बारे में प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने साफ तौर पर कहा कि इस तरह की जाति आधारित बैठकें और गतिविधियां पार्टी के संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने कड़े लहजे में यह भी कहा कि बीजेपी में कोई भी पार्टी अनुशासन से ऊपर नहीं है।






