
ममता बनर्जी (कॉन्सेप्ट फोटो-डिजाइन)
West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गृह मंत्री अमित शाह पर नाम लिए बिना कड़ा हमला किया। टीएमसी प्रमुख ने उन पर तानाशाही अंदाज़ में काम करने का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस के बूथ लेवल सहायकों के कार्यक्रम में बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार देश को एक खतरनाक दिशा की ओर धकेल रही है और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता सब कुछ समझ रही है।
बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री का नाम लिए बिना कहा, “वह हर चीज़ को नियंत्रित कर रहे हैं। मुझे शक है कि वह प्रधानमंत्री के कामकाज में भी दखल देते हैं। वह पूरे देश पर नियंत्रण कर रहे हैं।” उन्होंने लोगों से अपने विवेक का प्रयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आप देख सकते हैं कि क्या चल रहा है।
ममता बनर्जी ने अल्पसंख्यकों से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा, “बीजेपी पैसों की ताकत से उन्हें बांटने और मुसलमानों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है, इसलिए उन्हें एकजुट होकर इसका सामना करना चाहिए।” उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं से भाजपा को बंगाल में पांव जमाने से रोकने और उसकी सत्ता हथियाने की कोशिशों का पूरी तरह विरोध करने को कहा। ममता ने साफ शब्दों में कहा कि हम बंगाल के बाद दिल्ली को भी बीजेपी से छीनेंगे।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत को जानबूझकर अनदेखा करने का आरोप भी लगाया। हालिया घटनाओं का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मनरेगा की जगह लाए गए नए कानून से महात्मा गांधी का नाम हटा दिया गया और जानबूझकर धार्मिक प्रतीकों का चुनिंदा उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा, “मुझे राम नाम से कोई आपत्ति नहीं है।”
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इसी दौरान, बनर्जी ने राज्य सरकार को जानकारी दिए बिना केंद्रीय कर्मचारियों को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त करने को लेकर चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा। उन्होंने इसे संघीय ढांचे के नियमों को जानबूझकर दरकिनार करने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में अधिकांश बूथ लेवल अधिकारी (BLO) स्कूल शिक्षक हैं और माध्यमिक परीक्षाएं पास ही हैं।






