पैरों के टखने से जाने बीमारियों के संकेत (सौ.सोशल मीडिया)
Signals of Ankles of the feet: स्वस्थ जीवन के लिए केवल खानपान ही बेहतर नहीं होता है बल्कि हमें व्यायाम औऱ शरीर में दिखाई देने वाला छोटे संकेतों की ओर भी ध्यान देना जरूरी है। हमारा शरीर एक मशीन की तरह काम करता है और थोड़ी सी गड़बड़ होने पर संकेत देना शुरू कर देता है। अगर संकेतों को हम समझ कर इलाज कराना शुरू कर दें तो आगे होने वाली बड़ी बीमारी से बचा जा सकता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हम संकेतों को नजरअंदाज करते हैं और बीमारियों को दावत देते हैं। ऐसे ही हमारे पैर हमें कई तरह के संकेत देते हैं, जिन्हें समझना जरूरी है। इस तरह ही पैर, हमारे शरीर का आइना होते है जो बड़ी बीमारियों की चेतावनी शरीर के संकेतों से देते है।
हमारे शरीर में होने वाली समस्या के संकेत के रूप में पैर काम करते है।ऐसे में पैरों को नजरअंदाज करना गलत होगा। टखने में कई बार सूजन का पता चल पाना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन अगर लंबे समय से टखनों में सूजन बनी हुई है, तो ये कई वजहों से हो सकता है। इस प्रकार की समस्या का कारण किडनी की समस्या, शरीर में पानी जमा होना या थायराइड का संकेत होता है। ऐसे में स्थिति ज्यादा बढ़ जाए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह ले सकते है।पिंडलियों में दर्द होने को लोग आम समस्या समझते हैं, लेकिन ये साधारण नहीं है। कई बार ये विटामिन डी की कमी या थकावट की वजह से हो सकता है, लेकिन अगर लंबे समय से समस्या बनी है, तो ये क्लॉडिकेशन या पेरिफरल आर्टरीज का संकेत हो सकती है। इसमें पैरों में मौजूद धमनियों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और दर्द होने लगता है। इसके साथ ही ये दिल की बीमारी का भी संकेत है।
आपको बताते चलें कि, हाथ पैरों का ठंडा पड़ जाना कई बार ब्लड प्रेशर के कम होने के संकेत होते है। लेकिन, अगर ऐसा बार-बार होता है तो ये भी पेरिफेरल आर्टेरियल डिजीज का संकेत है। जब पैरों की धमनियां सिकुड़ जाती हैं या उनमें खून का प्रवाह कम होता है तो पैरों में ऐंठन या सूजन हो जाती है। ज्यादा बढ़ने पर पैरों में घाव हो जाते हैं।
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अगर पैर अपने आप ही गर्म और लाल दिखने लगते हैं, तो इसको अनदेखा ना करे, ये डीप वेन थ्रॉम्बोसिस हो सकता है। इस स्थिति में पैर लाल होने लगते हैं और पैरों में आग या जलन जैसा महसूस होता है। ऐसा होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं क्योंकि इस स्थिति में नसों में क्लॉट बनने लगते हैं और ये क्लॉटिंग शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाती है।
आईएएनएस के अनुसार