गोवर्धन पूजा के लिए तैयार होता है अन्नकूट (सौ.सोशल मीडिया)
Importance of Annakut Bhog: दीपोत्सव के दौर में आज गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। इसमें गाय के गोबर से भगवान श्रीकृष्ण की आकृति बनाकर पूजा की जाती है औऱ इस मौके पर अन्नकूट का भोग भी लगाया जाता है। मंदिरों में पूजा के बाद अक्सर अन्नकूट को प्रसाद की तरह बांटा जाता है। अन्नकूट का धार्मिक महत्व तो है लेकिन क्या आप जानते है यह सेहत के लिए किस तरह से महत्वपूर्ण होता है।
दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा के लिए अन्नकूट की तैयारी शुरु हो जाती है। इसमें बाजरे की खिचड़ी, कढ़ी और पूरी और सीजन की सभी सब्जियों से एक मिक्स सब्जी तैयार की जाती है। कई लोग बाजरे की खिचड़ी में ही सीजन की हरी सब्जियां मिलाकर व्यंजन तैयार करते हैं। इसे सेहत के लिए काफी अच्छा माना गया है। बाजरे की खिचड़ी प्रोटीन से भरी होती है और गर्म तासीर की होती है। ये शरीर को हल्की सर्दी से बचाने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है, जिससे खांसी-जुकाम परेशान नहीं करते हैं। इसके अलावा कढ़ी भी शरीर को गर्म रखने का काम करती है और सर्दी से बचाती है। ये शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करती है, लेकिन जिन लोगों को कफ की परेशानी है, वे कढ़ी का सेवन कम करें।
बताते चलें कि, दीवाली के बाद से ठंडी जोर पकड़ने लगती है। इस वक्त मौसम धीरे-धीरे बदल रहा होता है। इस माह खांसी, जुकाम, बुखार, आंखों में जलन और स्किन इंफेक्शन सबसे ज्यादा होते हैं। इस समय के खाने में अन्नकूट का सेवन करना सही होता है। इसमें अन्नकूट फाइबर और विटामिन से भरा होता है, जो शरीर को गर्म रखने के लिए संक्रमण से बचाता है।इसके अलावा हरी सब्जियों को मिक्स करके सब्जी भी तैयार की जाती है जिसमें सीजन की पालक, मेथी, मूली, गाजर, मटर, और बैंगन को मिलाया जाता है। ये सारी सब्जियां विटामिन और फाइबर से भरी होती हैं, जो शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करती हैं और बदलते मौसम से होने वाली बीमारियों से भी बचाती हैं। इसलिए अन्नकूट सिर्फ प्रसाद नहीं बल्कि औषधि का भी काम करता है।
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अन्नकूट को लेकर एक और मान्यता है। माना जाता है कि अन्नकूट बनाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती है और घर की रसोई हमेशा अन्न और सब्जियों से भरी रहती है। इस मान्यता का पालन करते हुए भी भक्त अन्नकूट बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करते हैं।