'फ्रोजन शोल्डर' की समस्या में करें इलाज (सौ.सोशल मीडिया)
Frozen Shoulder Treatment: भागदौड़ भरी जिंदगी और ऑफिस में कंम्प्यूटर पर बैठे हुए लंबा काम व्यक्ति को बीमार कर देता है। ऑफिस के अलावा लोग फोन पर भी घंटों समय बिताते है जो नुकसानदायक साबित होता है। युवाओं में गर्दन और कंधे से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसके दर्द से निजात पाने के लिए लोग एक्सरसाइज और मालिश का सहारा लेते है लेकिन समस्या वहीं पर बनी रह जाती है।करवट लेने और हाथों को हिलाने तक में परेशानी होती है। इस स्थिति को फ्रोजन शोल्डर कहते हैं। आयुर्वेद में भी अवबाहुक शूल कहा गया है।
यहां पर फ्रोजन शोल्डर की समस्या यानि आयुर्वेद में अवबाहुक शूल को वात दोष और कफ दोष से जोड़ा गया है। कहा जाता है कि, जब शरीर में वात दोष और कफ दोष असंतुलित हो जाते हैं, तो मांसपेशियां और हड्डियों के जोड़ कमजोर होने लगते हैं और उनपर वसा का जमाव होने लगता है। इस स्थिति में आपको कई लक्षण नजर आते है जो इस बीमारी की स्थिति को बताते है।इस स्थिति में जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में जकड़न, कंधे से लेकर गर्दन में खिंचाव और ज्यादा खराब स्थिति में गर्दन का न मोड़ पाना शामिल है। अवबाहुक शूल के होने के कई कारण हैं, जैसे ज्यादा तला-भूना खाना, कम पानी पीना, ज्यादा मेहनत या भार उठाने वाला काम करना, ज्यादा समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहना, या ज्यादा समय तक पानी में रहना।
आयुर्वेद में इस समस्या अवबाहुक शूल से निजात पाने के कई तरीके बताए गए हैं। जिसे आप घर पर आसान तरीके से कर सकते है।
ये भी पढ़ें- दीवाली पर अपने वाहन को पटाखों से रखें सुरक्षित, अपनाएं ये 5 ज़रूरी उपाय
आईएएनएस के अनुसार