आयुर्वेद की खास पोटली थेरेपी (सौ. सोशल मीडिया)
नवभारत डिजिटल डेस्क: भागदौड़ से भरी व्यस्त जिंदगी में हर कोई अच्छी डाइट और एक्सरसाइज को सही तरीके से नहीं कर पाते है। इसका नतीजा सेहत पर बुरी तरह से देखने के लिए मिलता है। शरीर को कई बीमारियां जकड़ लेती है इसके बाद डॉक्टर के साथ ही जिंदगी भर अपॉइंटमेंट फिक्स कर पाना पड़ता है। कई लोगों को शरीर के सभी अंगों में दर्द होता है तो वहीं पर पीठ दर्द, ज्वाइंट पेन की समस्या आम है। इन समस्याओं को सही करने के लिए सभी एलोपैथिक दवाओं का सहारा लेते हैं लेकिन आज हम आपको आयुर्वेद में शामिल एक खास तरह की थेरेपी के बारे में बता रहे है जो आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगी।
यहां पर पोटली थेरेपी की बात की जाए तो, इसका नाता आयुर्वेद से जुड़ा हुआ है। इसे पोटली थेरेपी के अलावा पिंडा स्वेद के नाम से भी जानते है। यह पोटली थेरेपी एक ऐसी आयुर्वेदिक तकनीक है जिसमें औषधीय जड़ी-बूटियों, मसालों और प्राकृतिक तत्वों को कपड़े की छोटी पोटली में बांधकर गर्म किया जाता है और फिर इससे शरीर के प्रभावित हिस्से की सिकाई की जाती है। इस तकनीक का इस्तेमाल जब आप अपने शरीर में करते है तो, इस थेरेपी से ना सिर्फ दर्द और सूजन पर आराम मिलता है बल्कि शरीर को पूरी तरह से डिटॉक्सीफाई बनाकर ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है। अगर खून का संचार शरीर में सही ढ़ंग से होगा तो बीमारी पर आराम मिलेगा और कोई बीमारी ज्यादा बढ़ेगी नहीं।
यहां पर सूती कपड़े की पोटली तैयार की जाती है। इस थेरेपी को आप घर पर आसान तरीके से बनाकर कई हेल्थ समस्याओं पर राहत पा सकते है। इस पोटली थेरेपी का तरीका अपनाने के लिए आपको इस्तेमाल किए जाने वाली जड़ी- बूटियों जैसी सामग्रियों की जानकारी होनी चाहिए। हर प्रॉब्लम के लिए अलग-अलग जड़ी-बूटियों और खड़े मसालों से पोटली तैयार की जाती है. इसे गर्म तेल या भाप में गर्म कर शरीर के उस हिस्से पर लगाया जाता है।
एसिटिडी के लिए पोटली
इस दर्द से राहत पाने के लिए आप पोटली थेरेपी का सहारा ले सकते है। पोटली बनाने के लिए आप 2 चम्मच ड्राई रोस्ट की हुई अजवाइन, सौंफ, जीरा और सोंथ को पोटली में बांध लेना है। इसे गर्म करके पेट के हिस्से पर मसाज करें। ये डाइजेशन को बेहतर बनाती है और ब्लोटिंग,गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में भी मदद करती है।
पीरियड पेन के लिए पोटली
पीरियड्स की समस्याओं के लिए आप इस थेरेपी का फायदा ले सकते है। पोटली में सूखा अदरक ( सौंठ) , अलसी के बीज, अश्वगंधा, मेथी दाने और अजवाइन. इन सभी को एक कॉटन के कपड़े में डालकर पोटली बना लें। इसे गर्म तवे पर गर्म करें। इसके बाद दर्द वाले हिस्से पर 10-15 मिनट तक इसकी मसाज करें. ये दर्द से राहत दिलाने के साथ ही ब्लोटिंग को कम करती है और हार्मोन बैलेंस को बनाए रखती है।
हेयर ग्रोथ के लिए पोटली
एक कॉटन के कपड़े में मेथी दाने , 1 चम्मच कलौंजी और 10-11 लौंग ड्राई रोस्ट कर के पोटली में भर लें इसे गर्म करके स्कैल्प पर 5-10 मिनट के लिए मसाज करें. ये बालों को ग्रोथ को बढ़ाएगी, हेयर फॉल और डैंड्रफ को कम करने में भी मदद करेगी।
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माइग्रेन के लिए पोटली
2 चम्मच अजवाइन, 4-5 लौंग, 1 चम्मच सूखा अदरक पाउडर और 2 चम्मच काला नमक मिलाकर पोटली में बांध लें. पोटली को तवे पर गर्म करें और दर्द वालें हिस्सों पर मसाज करें. ये माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाएगी।