काले तिल खाने के फायदे
भारतीय घरों में आज से नहीं सालों से कई तरह बीजों का इस्तेमाल होता आया है। कई बीमारियों का इलाज हमारे किचन में ही मौजूद होता है, जो न सिर्फ खाने के स्वाद को दोगुना करते हैं बल्कि हमारे शरीर में होने वाली परेशानियों को भी दूर करते है। तो बात करते हैं ऐसे ही एक बीज के बारे में जो हर किसी के किचन में आसानी से मिल जाता है। हम बात कर रहे हैं छोटे-छोटे दिखने वाले काले तिल की। जी हां पोषक तत्वों से भरपूर तिल सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। आमतौर पर तिल दो प्रकार के होते हैं, एक काले तिल और दूसरा सफेद तिल।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, काले तिल में कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। डाइट में काले तिल का इस्तेमाल करने से पाचन बेहतर होता है, साथ ही बालों और स्किन को भी फायदा होता है। तो ऐसे जान लें पोषक तत्वों से भरपूर काले तिल के फायदे।
डाइट एक्सपर्ट्स के अनुसार, काले तिल में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसे डाइट में शामिल करने से मल त्याग की क्रिया आसान होती है। जिन लोगों को पाचन की समस्या है, उनके लिए काला तिल रामबाण इलाज है।
काले तिल मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है। काला तिल स्ट्रोक, हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में कारगर है और हाइपरटेंशन की संभावना को भी कम करते है। इसके साथ ही, छोटे-छोटे दिखने वाले इन बीजों में सेसामिन नाम का कम्पाउंड भी होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
पोषक तत्वों से भरपूर काले तिल इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में भी मदद करते हैं। इनमें कैल्शियम, कॉपर मैंगनीज, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। जिससे आप कई तरह के संक्रमण और बीमारियों से बच सकते हैं। काले तिल में कैल्शियम की मात्रा जोड़ों में दर्द या सूजन को कम कर हड्डियों को भी मजबूत करने में मदद करता हैं।
एक्सपर्ट्स कहते हैं, काले तिल एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत हैं। जो शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं। डाइट में काले तिल शामिल करने से पुरानी से पुरानी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। इन बीजों में मौजूद गुण डायबिटीज, कैंसर और हृदय रोगों को भी कम करने में मदद करते हैं। ऐसे में काले तिल का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता हैं।
लेखिका- सीमा कुमारी