गुजरात के बनासकांठा जिले में नकली नोट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश
Fake Currency: गुजरात के बनासकांठा जिले में पुलिस की लोकल क्राइम ब्रांच (LCB) ने एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो खेत में बने एक खुफिया तहखाने में नकली नोट छापने का काम कर रहा था। पुलिस को मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर जब डीसा तालुका के महादेविया गांव में छापेमारी की गई, तो वहां का नजारा देखकर टीम भी हैरान रह गई। इस कार्रवाई में पुलिस ने मौके से लगभग 40 लाख रुपये के नकली नोट, पांच प्रिंटर और भारी मात्रा में स्टेशनरी का सामान जब्त किया है।
पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है, जबकि गिरोह का मुख्य सरगना और खेत का मालिक मौके से फरार होने में कामयाब रहा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मास्टरमाइंड संजय सोनी और कौशिक श्रीमाली के रूप में हुई है। शुरुआती पूछताछ में दोनों ने नकली नोट छापने के गोरखधंधे में शामिल होने की बात कबूल कर ली है। पुलिस अब फरार आरोपी की तलाश में जुट गई है और पूरे नेटवर्क को खंगालने का प्रयास कर रही है ताकि पता चल सके कि इसकी जड़ें कहां तक फैली हैं।
इस पूरे मामले का मुख्य सरगना रायमल सिंह परमार है, जो खेत का मालिक भी है और फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस जांच में सामने आया है कि रायमल सिंह एक पुराना और शातिर अपराधी है। उसके खिलाफ फिरौती, मारपीट और निषेध जैसे गंभीर अपराधों के 16 मामले पहले से ही दर्ज हैं। उसे गुजरात के कठोर सुरक्षा कानून (पासा) के तहत भी जेल भेजा जा चुका है। बताया जा रहा है कि जेल से बाहर आने के बाद उसने संजय सोनी के साथ मिलकर इस अवैध कारोबार की योजना बनाई और अपने ही खेत में तहखाना बनाकर नकली नोट छापने की फैक्ट्री शुरू कर दी।
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पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि यह गिरोह कब से सक्रिय था और अब तक कितनी नकली करेंसी छापकर बाजार में पहुंचा चुका है। जब्त किए गए पांच प्रिंटर और अन्य उपकरणों से यह साफ है कि आरोपी बड़े पैमाने पर नकली नोट बनाने की तैयारी में थे। बनासकांठा पुलिस का कहना है कि फरार आरोपी रायमल सिंह परमार को पकड़ने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस इस मामले की हर एंगल से गहन जांच कर रही है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े सभी लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके।