ऑस्टियोपोरोसिस को सही करने के उपाय (सौ. सोशल मीडिया)
World Osteoporosis Day 2025: हर किसी व्यक्ति की सेहत में एक उम्र के बाद प्रभाव देखने के लिए मिलते है। जहां पर बुजुर्गों में हड्डियों के कमजोर होने की शिकायत रहती है। इस हड्डियों की कमजोरी वाली बीमारी को ऑस्टियोपोरोसिस कहते है। हर साल 20 अक्टूबर को ‘वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे’ मनाया जाता है। इस दिन का मकसद लोगों को हड्डियों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है तो कई लोग इस समस्या से जूझ रहे है। इस तरह की समस्या पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में 50 की उम्र के बाद देखने के लिए मिलती है। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व ऑस्टियोपोरोसिस डे कहा जाता है।
यहां पर ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी की बात की जाए तो, यह ऐसी स्थिति है, जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, उनका घनत्व कम हो जाता है और जरा सी चोट या दबाव में भी फ्रैक्चर हो सकता है। अक्सर लोग इसके बारे में तब तक नहीं जानते जब तक हड्डी टूट न जाए, इसलिए इसे खामोश बीमारी भी कहा जाता है। इस बीमारी को लेकर डॉक्टरों को कहना है कि, यह बीमारी उम्र बढ़ने, हार्मोनल बदलाव और कैल्शियम या विटामिन डी की कमी से जुड़ी होती है। आमतौर पर कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर इस बीमारी के शुरुआती संकेत होते हैं। झुककर चलना, बार-बार दर्द रहना या चोट के बाद देर से ठीक होना इसके लक्षण हो सकते हैं।
इस बीमारी को लेकर आयुर्वेद में कहा गया है कि, ऑस्टियोपोरोसिस का सीधा संबंध वात दोष के असंतुलन से होता है। जब वात दोष बढ़ता है, तो शरीर की मजबूती कम होने लगती है और हड्डियों का घनत्व घटने लगता है।
आयुर्वेद में इस बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और ठीक करने के लिए कई तरीके बताए गए हैं।
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आईएएनएस के अनुसार