आयुर्वेद में रामबाण औषधि है मुलेठी (सौ. सोशल मीडिया)
Benefits of Mulethi in Hindi: आयुर्वेद में कई बीमारियों का इलाज छिपा है। सर्दी- जुकाम से लेकर गंभीर बीमारियों डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में आयुर्वेद का अलग स्थान है। हमारे देश को आयुर्वेद का जनक कहा जाता है क्योंकि समुंद्र मंथन से भगवान धन्वतरि अमृत कलश और जड़ी बूटी लेकर प्रकट हुए थे, उन्हें ही आयुर्वेद का दाता कहा जाता है। दुनियाभर में जितनी बीमारियां है उतना ही इसके इलाज के लिए कई हजार जड़ी-बूटियों का खजाना है। इन जड़ी बूटियों में ही खास औषधि है -मुलेठी, यह शरीर के लिए वरदान होती है तो वहीं इसे किसी ना किसी रूप में लोग सेवन करते है। आयुर्वेद में मुलेठी को यष्टिमधु कहा जाता है और देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
आयुर्वेदिक औषधियों में मुलेठी एक बारहमासी पौधे की तरह होती है। इस औषधि को किसी भी सीजन में उगाया जा सकता है। इसकी खेती मुख्यत हिमालय क्षेत्र में होती है। मुलेठी को वात और पित्त से जोड़ा गया है, जो इन दोनों को संतुलित करता है। इसकी बात की जाए तो, स्वाद में मीठी होती है और कई रोगों में राहत दिलाने में मदद करती है। मुलेठी की तासीर ठंडी होती है और स्वाद मीठा होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यूनो-मॉड्यूलेटर गुण होते हैं, जो कई बीमारियों में राहत देते हैं, हालांकि कफ की प्रवृत्ति होने पर इसे कम से कम लेना चाहिए।
आयुर्वेदिक औषधि मुलेठी का इस्तेमाल या सेवन कई अलग-अलग तरह से अलग-अलग समस्याओं में किया जाता है। अगर श्वसन संबंधी रोग जैसे खांसी, सांस लेने में परेशानी, अस्थमा, गले में दर्द जैसी समस्या बार-बार परेशानी करती है तो मुलेठी लेना सही होगा। बच्चों को भी शहद के साथ मुलेठी दी जाती है।इसके इस्तेमाल से गले के वोकल कॉर्ड को भी आराम मिलता है और आवाज मधुर होती है। इसके लिए मुलेठी के साथ एक चम्मच सितोपलादि चूर्ण और शहद मिलाकर लें, ये गले के रुखेपन को भी कम करने में मदद करेगा।
इसके अलावा, त्वचा और बाल संबंधी परेशानियों में भी मुलेठी कारगर है। यह गंजापन, चेहरे के दाग-धब्बे, खुजली और बालों का झड़ना जैसी दिक्कतों में भी आराम देता है। इसके लिए आप खास तरीके अपना सकते है। जो इस प्रकार है…
आईएएनएस के अनुसार