कांग्रेस और आप के गठबंधन पर संशय बरकरार (सोर्स:-सोशल मीडिया)
चंडीगढ़: हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य भर की सियासत में हलचल तेज है। आज भी एक ही सवाल गुंज रहा है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस साथ चुनाव लड़ेंगे या नहीं। इसी संदर्भ में कुछ संकेत सामने आए है जो कि साफ तौर पर इशारा कर रहे है कि कांग्रेस और आप के साथ चुनाव लड़ने में सीट शेयरिंग एक बड़ी समस्या के तौर पर सामने आ रही है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बातचीत सीटों की संख्या और निर्वाचन क्षेत्रों के चयन को लेकर अटक गई है। बात साफ नजर आ रही है कि आम आदमी पार्टी को कांग्रेस का फॉर्मूला मंजूर नहीं है। इसी बात को आधार बनाकर आप कुछ अटकलें पेश कर रही है लेकिन कांग्रेस अपनी रणनीति पर अडिग दिख रही है।
ये भी पढ़े:-1 हजार की हैसियत रख जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ने जा रहे हैं बीजेपी नेता रविंदर रैना, कैसे जाएंगे विधानसभा…
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस और आप के साथ आने पर संशय शुरुआत से ही बरकरार थे, लेकिन बात अब पार्टियों की रणनीति को लेकर फंस गई है। सवाल ये है कि अगर आम आदमी पार्टी और कंग्रेस अकेले चुनाव लड़ती हो तो क्या होगा। परिणाम से पड़े कांग्रेस हरियाणा चुनाव में किसी भी प्रकार का जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं है और सीट शेयरिंग की समस्या साफ तौर पर देखने को मिल रही है।
ऐसे समझिए कि हरियाणा में उम्मीदवारों की नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 12 सितंबर है और अगर कांग्रेस मौजूदा फॉर्मूले पर अड़ी रही तो गठबंधन नहीं होगा। ऐसे में संभावना है कि आप हरियाणा में 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही संभावना ये भी लगाई जा रही है कि आप अपने उम्मीदवारों की पहली सूची रविवार को जारी कर सकती है।
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन पर इतना सवाल क्यों खड़ा हो रहा है जबकि दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव साथ में ही लड़ा था। हां आप की नाराजगी का कारण ये हो सकता है कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में हरियाणा के नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और एक सीट आम आदमी पार्टी को मिली थी।
लोकसभा चुनाव को आधार बनाया जाए तो 10 प्रतिशत के इस फॉर्मूले के आधार पर आम आदमी पार्टी नौ विधानसभा सीटों की मांग कर रही है। इस फर्मूले को ऐसे भी समझ सकते है कि हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और औसतन एक लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा सीटें आती हैं। आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव के 9:1 के फॉर्मूले पर ही सीट शेयरिंग चाहती है।
मिली जानकारी के अनुसार आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर हुए बैठक में हरियाणा कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी द्वारा मांगी गई सीटों की संख्या देने को तैयार नहीं हैं। जहां हरियाणा कांग्रेस चाहती है कि अगर आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और लेफ्ट को साथ लेकर चलना है तो जितनी कम से कम सीटों पर सहमति बन सकती है, उस पर सहमति बननी चाहिए। गठबंधन सहयोगियों के खाते में सीटों की संख्या सिंगल डिजिट में रहनी चाहिए, डबल डिजिट में नहीं जानी चाहिए।