मृतक आकाश पटनी और उसकी मां सीता (फोटो- सोशल मीडिया)
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद प्लेन क्रैश में एक ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने हर किसी की रूह कांप दी। एक ओर आग के गोले से बाहर निकलते विश्वास की जिंदगी फिर से लौट रही थी, तो दूसरी ओर सीता बेन अपनी आंखों के सामने 15 साल के बेटे आकाश को जिंदा जलते देख रहीं थीं। मां की गोद में जो बच्चा कभी मुस्कुराता था, उस दिन राख बनकर रह गया। हादसे की यह दर्दनाक कहानी पूरे देश को झकझोर रही है।
आकाश पटनी बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में मां सीता बेन को खाना देने गया था। खाना देने के बाद वह एक पेड़ के नीचे खाट (चारपाई) पर सो गया। तभी हादसे में प्लेन का एक हिस्सा आकाश के ऊपर गिरा और आग की लपटों में वह जलकर खाक हो गया। मां दौड़कर बेटे को बचाने गईं, लेकिन कुछ नहीं कर सकीं। हादसे का वीडियो सामने आया है, जिसमें सीता बेन का दर्द साफ दिखाई देता है।
बेटे को बचाने की कोशिश में खुद भी झुलसी मां
सीता बेन परिसर में चाय की दुकान चलाती हैं। हादसे के वक्त वे पास ही थीं। उन्होंने जैसे ही देखा कि प्लेन गिरा है, वे दौड़ती हुई अपने बेटे के पास पहुंचीं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आकाश की खाट पर ही आग का गोला गिरा और वो जलता रहा। मां उसे बचाने की कोशिश में खुद भी झुलस गईं और अब अस्पताल में भर्ती हैं।
सबका दुलारा आकाश, अब कभी नहीं लौटेगा
आकाश अपने घर में सबसे छोटा और सबसे होशियार था। मां-बाप को उससे बड़ी उम्मीदें थीं। पिता की आंखों से आंसू थम नहीं रहे। उनका कहना है कि इस जख्म को भरने में शायद पूरी जिंदगी लग जाएगी। आकाश का शव डीएनए जांच के बाद परिवार को सौंपा गया, जिससे पूरे मोहल्ले में शोक की लहर है।
इस घाव को भरने में कई साल लगेंगे
सीताबेन आईपी कंपाउंड में चाय की दुकान चलाती हैं। हादसे में उनका बेटा जिंदा जल गया और उसे बचाने की कोशिश में सीताबेन भी बुरी तरह जल गईं। विमान का एक हिस्सा उस खाट पर जा गिरा जिस पर आकाश सो रहा था और वह खाट के साथ ही जल गया। मां अस्पताल में भर्ती है तो पिता को हर वक्त याद आ रहा है कि उनका बेटा आकाश पढ़ाई में कितना होशियार था। आंखों में आंसू लिए पिता कहते हैं कि इस घाव से उबरने में उनके परिवार को कई साल लग जाएंगे।