उदयपुर फाइल्स (फोटो-सोर्स,सोशल मीडिया)
Udaipur Files Flim Release Case: लंबे समय से विवादों में घिरी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स-कन्हैया लाल टेलर मर्डर केस’ फिर से सुर्खियों में आ गई है। फिल्म पर चल रहा विवाद अब दिल्ली हाई कोर्ट में वापस पहुंच गया है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है और इस पूरे मामले को दिल्ली हाई कोर्ट को वापस भेज दिया है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से सोमवार, 28 जुलाई 2025 को मामले की सुनवाई करने का भी अनुरोध किया है। मालूम हो, इस फिल्म के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी समेत कई लोगों ने याचिका दायर की थी। उनका आरोप है कि फिल्म में मुस्लिम समुदाय को गलत तरीके से दिखाया गया है, जिससे समाज में नफरत फैल सकती है।
Supreme Court has transferred the case over the release of the film ‘Udaipur Files’ to the Delhi High Court.
A bench of Justices Surya Kant and Joymalya Bagchi requested the Delhi High Court to take up the matter on Monday.
— ANI (@ANI) July 25, 2025
मौलाना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी कि फिल्म को मंजूरी देने वाली सेंसर बोर्ड की समिति के कई सदस्य सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जज सूर्यकांत ने कहा कि ऐसी नियुक्तियां हर सरकार में होती हैं और इसे कानूनी तौर पर चुनौती नहीं दी जा सकती।
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की एक समिति ने फिल्म की समीक्षा की है और 6 सीन हटाने और डिस्क्लेमर में बदलाव की सिफारिश की है। साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी धर्मों के लिए बराबर है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि फिल्म के रिलीज होने से कन्हैया लाल की छवि को नुकसान पहुंच सकता है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती, जबकि फिल्म निर्माता इससे आर्थिक लाभ कमा सकते हैं।
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खास बात ये है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही 10 जुलाई को फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी, जो 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि जब तक केंद्र सरकार कोई अंतिम निर्णय नहीं लेती, फिल्म रिलीज नहीं हो सकती।
आपको बता दें, कि कन्हैया लाल का मर्डर जून 2022 में उदयपुर में की गई थी। आरोपियों मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने एक वीडियो में दावा किया था कि उन्होंने यह हत्या नूपुर शर्मा के समर्थन में की गई पोस्ट के चलते की। यह मामला एनआईए द्वारा जांचा गया और UAPA कानून के तहत केस दर्ज हुआ। केस अब जयपुर की विशेष अदालत में चल रहा है।