मुंबई: अतुल गर्ग की फिल्म ‘चोला’ के एक सीन पर करणी सेना के नेता सुरजीत सिंह राठौड़ ने आपत्ति जताई है और इस दृश्य का कड़ा विरोध किया है। फिल्म रिलीज होने से पहले उन्होंने दृश्य को हटाने की मांग की है। फिल्म ‘चोला’ का ट्रेलर गोवा में चल रहे 55 वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाया गया। ट्रेलर में एक सीन है जहां एक शख्स अपना भगवा चोला उतार कर आग के हवाले कर देता है। इस सीन में वह अपने गले में पहनी गई रुद्राक्ष और तुलसी की माला को भी आग के हवाले कर देता है। यही सीन करणी सेना के नेता सुरजीत सिंह राठौड़ को आपत्तिजनक लगा और उन्होंने इस पर हंगामा मचाना शुरू कर दिया था, बाद में मामले को शांत किया गया।
कांस फिल्म फेस्टिवल की तर्ज पर शनिवार की रात 8 बजे गोवा में चल रहे 55 वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इंपा की याट पर अतुल गर्ग की फिल्म चोला का ट्रेलर लॉन्च किया गया। इस दौरान करणी सेवा की नेता सुरजीत सिंह राठौड़ भी वहां मौजूद थे। ट्रेलर देखने के बाद उन्हें एक दृश्य आपत्तिजनक लगा इसलिए उन्होंने ट्रेलर को दोबारा चलाने की मांग की। ट्रेलर जब दोबारा दिखाया गया तब उन्होंने भगवा चोला जलाए जाने वाले सीन पर विरोध जताना शुरू कर दिया। इस दृश्य को फिल्म के रिलीज होने से पहले हटाने की मांग उन्होंने की है और ऐसा नहीं करने पर कड़े विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है, हालांकि अतुल गर्ग ने करणी सेना के नेता को समझने की कोशिश की। ये भी कहा कि सही समय आने पर उन्हें पूरी फिल्म दिखा दी जाएगी।
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क्या है चोला फिल्म की कहानी
चोला फिल्म की कहानी के मुताबिक इस फिल्म में एक युवा प्रोफेसर की कहानी को दिखाया गया है, जो मन की शांति के लिए एक बाबा के आश्रम में शरण ले लेता है। वह भगवा चोला पहनकर गले में रुद्राक्ष की माला पहन कर शांति की तलाश करने लगता है। लेकिन उसका मन शांत नहीं होता, जिस पर उन्हें आश्रम के बाबा बताते हैं कि उन्हें मन की शांति के लिए भगवा धारण करने की जरूरत नहीं है, तब प्रोफेसर अपना भगवा वस्त्र, रुद्राक्ष और तुलसी की माला आग के हवाले कर देता है और फिर से प्रोफेसर बन जाता है। फिल्म का उद्देश्य यही है कि अध्यात्म की शिक्षा और आत्मिक शांति के लिए गृहस्थ जीवन में रहकर भी उसकी प्राप्ति की जा सकती है, इसके लिए सन्यास लेना जरूरी नहीं है।