उद्धव ठाकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Uddhav Thackeray On Marathi Controversy: मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित दशहरा रैली में शिवसेना (ठाकरे गुट) के नेता उद्धव ठाकरे ने मराठी भाषा और मराठी लोगों के अधिकारों की अटूट रक्षा का जोरदार ऐलान किया। ठाकरे ने कहा कि वे अपनी मातृभाषा के सम्मान पर किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं करेंगे और जहां भी मराठी का अपमान हुआ है, वहां फूट नहीं आने देंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम हिंदी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हिंदी की जबरदस्ती हम कतई स्वीकार नहीं करेंगे। मराठी के सम्मान और अधिकार की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।
ठाकरे ने अपने भाषण में यह भी कहा कि मुंबई का इतिहास और पहचान मराठी लोगों के संघर्ष से जुड़ी है, और अगर शहर की पहचान केवल व्यापारियों की जेब तक सिमटती है तो वे उसे बचाने के लिए कड़ाई से कदम उठाएंगे।
उद्धव ठाकरे कहा कि मुंबई मराठी लोगों ने अपने खून से जीती है… अगर हमारी मुंबई व्यापारियों की जेब में चली गई तो हम उस जेब को फाड़कर मुंबई बचाएंगे।
वहीं मराठी के मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर तुम लोगों में हिम्मत है तो मराठी पर हाथ डालकर दिखाओ, हाथ जगह पर रखा नहीं जाएगा।
उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और भाजपा जो कर रही है वह महाराष्ट्र और मराठी लोगों के हितों के खिलाफ है।
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उद्धव ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने किसानों का कर्ज माफ किया था, लेकिन अब केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को आवश्यक सहायता नहीं दे रही हैं। उन्होंने 2017 की कर्जमाफी का हवाला देते हुए सवाल किया कि जब वह यह काम कर सकते थे, तो अब क्यों नहीं किया जा रहा है।
रैली में राज्यसभा सांसद संजय राउत भी मौजूद रहे जिन्होंने शिंदे गुट और भाजपा पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि यह रैली केवल ताजगी दिखाने का मंच नहीं, बल्कि राजनीतिक एवं सामाजिक संदेश देने का अवसर है। राउत ने भाषण में कहा कि दिल्ली में रावण को जलाया जाता है, पर मुंबई के रावण को डुबाना है… आज हमें उसका अंत करना है।