देशभक्ति फिल्मों में इमरान हाशमी फेल हुए या पास?
Ground Zero Review: इमरान हाशमी की बहुचर्चित फिल्म ‘ग्राउंड जीरो’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म में इमरान हाशमी, सई ताम्हणकर, जोया हुसैन, एकलव्य तोमर, ललित प्रभाकर और मुकेश तिवारी जैसे कलाकार नजर आ रहे हैं। फिल्म का निर्देशन तेजस प्रभा और विजय देऊस्कर किया है। फिल्म की कहानी बीएसएफ ऑफिसर नरेंद्र नाथ दूबे और जैश-ए-मोहम्मद के मिलिटेंट गाजी बाबा पर आधारित है। इमरान हाशमी देशभक्ति वाले किरदार में फिट बैठते नजर नहीं आए हैं। फिल्म में इमोशन की कमी भी साफ नजर आ रही है। कहानी का प्रेजेंटेशन भी कमजोर है। इमरान हाशमी अपनी रोमांटिक छवि को तोड़कर बाहर निकलने में फेल साबित हुए हैं, ऐसे में यह कहा जा सकता है कि उन्हें ऐसी भूमिका निभाने के लिए अपने ऊपर अभी और काम करना होगा।
कहानी: फिल्म की कहानी 2001 में सेट की गई है। उस दौरान के कश्मीर के हालात को दिखाया गया है। बीएसएफ के ऑफिसर नरेंद्र नाथ दूबे को यह अंदाजा हो जाता है कि गाजी बाबा कुछ बड़ा प्लान कर रहा है। गाजी बाबा ने ही संसद पर हुए हमले की प्लानिंग की थी। कश्मीर में पल रहे आतंकवाद को खत्म करने के लिए ऑपरेशन ग्राउंड जीरो की शुरुआत की जाती है। जिसकी कमान कमांडिंग ऑफिसर शर्मा के हाथ में है, उन्ही की टीम में काम कर रहे नरेंद्र नाथ को भी अहम जिम्मेदारी सौंपी जाती है। नरेंद्र नाथ किस तरह से अपनी जिम्मेदारी को पूरा करते हैं और इस ऑपरेशन को अंजाम देने में मदद करते हैं? गाजी बाबा का खात्मा कैसे होता है? इसके लिए आपको फिल्म देखना होगा।
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एक्टिंग: इमरान हाशमी ने रोमांटिक और हॉरर फिल्मों में जबरदस्त एक्टिंग का परिचय दिया है, लेकिन देशभक्ति वाली इस भूमिका में वह फिट बैठते नजर नहीं आए हैं। ऐसे में इस तरह का किरदार निभाने के लिए उन्हें अपने आप पर अभी और काम करना होगा यह कहा जा सकता है। फिल्म में नजर आ रहे बाकी कलाकारों ने ठीक-ठाक एक्टिंग की है। सई ताम्हणकर ने जया दुबे का किरदार निभाया है। मुकेश तिवारी ने कमांडिंग ऑफिसर शर्मा के रूप में ठीक-ठाक एक्टिंग की है।
डायरेक्शन: फिल्म का डायरेक्शन कमजोर है, फिल्म डायरेक्टर तेजस प्रभा और विजय देऊस्कर फिल्म की कहानी से लोगों को कनेक्ट करने में कामयाब होंगे इसकी उम्मीद कम ही नजर आती है। फिल्म में इमोशन की भी कमी नजर आई है। इमरान हाशमी के एक्सप्रेशन पर वह काम नहीं करवा पाए हैं, यह भी कहा जा सकता है। इमरान हाशमी ने जो एक्टिंग की है वह उससे बेहतर एक्टिंग कर सकते थे।
संगीत: फिल्म का म्यूजिक भी लोगों को प्रभावित करने वाला संगीत नहीं है। हर देशभक्ति फिल्म में एक थीम म्यूजिक होता है, जो इस फिल्म में नजर ही नहीं आया है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक ठीक-ठाक है लेकिन इसे और बेहतर किया जा सकता था, जिससे कहानी और दमदार लगती।
सिनेमैटोग्राफी: फिल्म की सिनेमैटोग्राफी ठीक-ठाक है, फिल्म में चल रहे सीन के बैकग्राउंड पर खास ध्यान दिया गया है। कैमरा वर्क ठीक-ठाक है। लेकिन कई जगहों पर यह कमी साफ नजर आती है कि सिनेमैटोग्राफी और डायरेक्शन का तालमेल नहीं बैठ पाया है।
क्यों देखें फिल्म: नरेंद्र नाथ दूबे और गाजी बाबा की कहानी अगर आप नहीं जानते हैं, तो यह फिल्म आप देख सकते हैं, लेकिन अगर आप इमरान हाशमी की बेहतरीन एक्टिंग देखने के शौकीन है तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है।