दिल्ली दंगों का आरोपी शाहरुख पठान (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
New Delhi: दिल्ली दंगों के दौरान कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के आरोपी शाहरुख पठान को कोर्ट ने 15 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है। यह जमानत उसके पिता की गंभीर बीमारी के आधार पर दी गई है। कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा कि शाहरुख को अपने बीमार पिता की देखभाल करने और परिवार के लिए आर्थिक प्रबंध करने की जरूरत है। कोर्ट ने 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर यह राहत दी है, जिसमें कई कड़ी शर्तें भी जोड़ी गई हैं। 2020 के दंगों के बाद से जेल में बंद शाहरुख की जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने मानवीय आधार पर फैसला सुनाया।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि शाहरुख गंभीर अपराध में संलिप्त है और उसकी रिहाई से कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। पुलिस ने यह भी आशंका जताई कि वह जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर सकता है। हालांकि, कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया और कुछ सख्त शर्तों के साथ अंतरिम जमानत को मंजूरी दी।
शाहरुख पठान को जमानत देते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह अपने मोबाइल का नंबर जांच अधिकारियों को देगा और फोन हमेशा चालू रखेगा। उसे हर दूसरे दिन सुबह 10 से 11 बजे के बीच जाफराबाद थाने में हाजिरी देनी होगी। इसके अलावा, शाहरुख को निर्देश दिया गया है कि वह इस मामले के लेकर किसी भी अन्य आरोपी या गवाह के संपर्क में नहीं आएगा।
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शाहरुख ने जमानत याचिका में कहा कि उसके पिता गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें आरके नरेंद्र प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसने दावा किया कि परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं है जो पिता की देखभाल कर सके, इसलिए उसका घर पर रहना जरूरी है। कोर्ट ने इस अपील को स्वीकार करते हुए उसे सीमित अवधि की राहत दी। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि आरपी को जो निर्देश दिए जा रहे है उनका नियमानुसार पालन करना होगा। हालांकि पुलिस के द्वारा इस अंतरिम बेल पर आपत्ती जताई गई कहा कि अपराधी पर बहुत गंभीर जुर्म है।