मस्जिदों से गाजा पीड़ितों के नाम पर चंदा जुटाने वाला सीरियाई नागरिक गिरफ्तार (घटना की कॉन्सेप्ट फोटो-एआई)
Gaza donation fraud news: गुजरात में भावनाओं का फायदा उठाकर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गाजा युद्ध पीड़ितों के नाम पर मस्जिदों से चंदा इकट्ठा करने वाले एक सीरियाई नागरिक को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लोगों की सहानुभूति का इस्तेमाल कर पैसे जुटाता था और फिर उन पैसों से आलीशान जिंदगी जी रहा था। आरोपी टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। इस गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया है।
पुलिस द्वारा शनिवार को दी गई जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान अली मेघात अल-अजहर के रूप में हुई है, जो मूल रूप से सीरिया का रहने वाला है। वह टूरिस्ट वीजा पर भारत की यात्रा पर था। क्राइम ब्रांच ने बताया कि इस गिरोह में उसके तीन और साथी भी शामिल हैं, जो फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि यह गिरोह मस्जिदों में जाकर लोगों को गाजा के पीड़ितों की दुखभरी कहानियां सुनाता और उनसे मोटी रकम चंदे के रूप में वसूलता था।
यह गिरोह बेहद शातिर तरीके से काम कर रहा था। आरोपी अली मेघात अल-अजहर और उसके साथी मस्जिदों में नमाज के लिए इकट्ठा हुए लोगों को निशाना बनाते थे। वे खुद को गाजा का पीड़ित बताते और युद्ध की दर्दनाक तस्वीरें दिखाकर लोगों को भावनात्मक रूप से कमजोर करते थे। लोग मदद के इरादे से उन्हें चंदा देते, लेकिन यह पैसा कभी भी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचा। क्राइम ब्रांच की जांच के अनुसार, आरोपी इस पैसे का इस्तेमाल महंगे होटलों में रहने और अपनी विलासितापूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए कर रहे थे, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद सामने आया।
यह भी पढ़ें: ‘FIR से कौन डरता है एक नहीं एक हजार करो’, BJP बोली- अपने पिता जी से तो पूछ लेते
इस मामले ने देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्राइम ब्रांच का कहना है कि टूरिस्ट वीजा पर आकर इस तरह की गतिविधियों में शामिल होना वीजा नियमों का सीधा उल्लंघन है और यह देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा भी बन सकता है। अब केंद्रीय और राज्य की सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस गिरोह का असली मकसद क्या था और इनके तार कहीं किसी बड़े नेटवर्क से तो नहीं जुड़े हैं। फिलहाल, आरोपी अली को ब्लैकलिस्ट कर देश से बाहर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।