निर्मला सीतारमण, (केंद्रीय वित्त मंत्री)
Finance Minister Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि भारतीय बैंकों ने मैक्रोइकॉनमिक और समग्र आर्थिक दोनों फ्रंट पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। पुणे में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 91वें स्थापना दिवस समारोह में उन्होंने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत के बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती पर जोर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि मैक्रोइकॉनमिक और समग्र आर्थिक प्रदर्शन दोनों में हमारे भारतीय बैंकों का प्रदर्शन विशेष रूप से अच्छा रहा है।
देश के फाइनेंशियल सिस्टम की स्थिरता की प्रशंसा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत आर्थिक रूप से मजबूत बना हुआ है। खासकर इस वर्ष अप्रैल से जून की अवधि में जब हमारी जीडीपी 7.8 प्रतिशत बढ़ी।
वित्त मंत्री ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की सफलता का भी जिक्र किया और कहा कि इसके इंटरऑपरेबल डिजाइन को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) ने एक ग्लोबल मॉडल के रूप में मान्यता दी है। हालांकि, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि डिजिटलीकरण ही काफी नहीं होगा। ईमानदारी, सहानुभूति और मानवीय समझ की जगह कोई नहीं ले सकता।
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों की भूमिका, खासकर वैश्विक अनिश्चित परिस्थितियों में न केवल बचत की सुरक्षा करने वाली बल्कि विकास की इंजन के रूप में भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बैंक व्यवसायों और उद्यमियों को महत्वपूर्ण वित्त और समर्थन प्रदान करते हैं, जिससे वे उतार-चढ़ाव से निपट सकें, अवसरों का लाभ उठा सकें और इनोवेशन लाने की दिशा में काम कर सकें। ग्राहक विश्वास के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हर शिकायत को सुधार, इनोवेशन और विश्वास को मजबूत करने के एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।
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वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि शिकायतों के समाधान के साथ-साथ, उत्पादों, प्रक्रियाओं और व्यवहार में सिस्टमैटिक सुधार और यह सुनिश्चित करने का वादा होना चाहिए कि वही शिकायत दोबारा न हो। इस कार्यक्रम में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागरजू भी उपस्थित थे। वित्त मंत्री के ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब भारत का बैंकिंग क्षेत्र देश की तीव्र आर्थिक वृद्धि में अपनी भूमिका को मजबूत कर रहा है।