आईटीसी लिमिटेड (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : देश का एफएमसीजी सेक्टर जल्द ही एक अहम बदलाव करने जा रहा है। हालांकि इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ सकता है। एफएमसीजी यानी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स प्रोडक्ट्स जैसे घर में इस्तेमाल होने वाले रोजमर्रा के सामान यानी साबुन, शैंपू, चॉकलेट, तेल, कॉफी या घरों में उपयोग होनेवाले अनाज जैसे दाल, चावल मसाले भी इसी रेंज में आते हैं। आपको बता दें कि ये एफएमसीजी कंपनियां इन प्रोडक्ट्स के दामों में जल्द ही बढ़ोत्तरी का फैसला कर सकती है, जिसका असर आपके घर के बजट पर भी हो सकता है।
भारत के एफएमसीजी सेक्टर की बड़ी कंपनियों में शामिल डाबर, नेस्ले, एचयूएल और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड जैसी कंपनियों ने आने वाले समय में इन प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने की ओर इशारा किया है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण शहरी इलाकों में इन प्रोडक्ट्स की घटती मांग को बताया जा रहा है, जिसके कारण सेल्स में भी कमी आयी है। जिसका असर प्रॉफिट और मार्जिन पर भी हुआ है। इन कंपनियों को प्रॉफिट मार्जिन बनाएं रखने के लिए प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने पड़ेंगे। बताया जा रहा है कि ऐसा जल्द ही हो सकता है।
इन एफएमसीजी कंपनियों ने सीधे तौर पर संकेत दिए हैं कि शहरी डिमांड घटने के बाद कुछ प्रोडक्ट्स के प्राइस में बढ़त की जा सकती है। इन कंपनियों में एचयूएल, जीसीपीएल, मैरिको, आईटीसी और टाटा कंज्यमूर प्रोडक्ट्स लिमिटेड जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं। इसके अंतर्गत अपनी कॉफी के लिए मशहूर ब्रांड नेस्ले ने ये जानकारी दी है कि कॉफी-कोको जैसे प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने के कारण कंपनी को मजबूरन अपने उत्पादों की कीमतों को बढ़ाना पड़ सकता है। इसके साथ ही एचयूएल ने इस बात को स्वीकारा है कि उनकी कंपनी भी एफएमसीजी प्रोडक्ट्स के दाम में हल्की बढ़ोत्तरी कर सकती है।
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जानकारी के अनुसार पता चला है कि एफएमसीजी कंपनियों की टोटल सेल्स में शहरी डिमांड का हिस्सा कुल 65-68 फीसदी के बाच रहता है। अगर ये डिमांड घटती है, तो इसका सीधा असर एफएमसीजी प्रोडक्ट्स पर देखने को मिल सकता है। जुलाई से सितंबर वाली तिमाही में खाद्य महंगाई दर बढ़ने और इसकी डिमांड घटने के कारण इसका ज्वाइंट इफेक्ट इन कंपनियों पर देखने को मिला है। जिसके कारण इन उत्पादों की कीमतों में बढ़त हो सकती है।