बजट में किसानों पर मेहरबान सरकार, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट 2025 पेश किया, जिसमें गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया गया है। इस बजट का मुख्य फोकस ‘GYAN’ (गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति) पर केंद्रित है।
खासतौर पर किसानों के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं, जो कृषि क्षेत्र को मजबूती देने में सहायक होंगी।
सरकार ने इस बजट में कई महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की है, जिनमें से एक विशेष तौर पर चर्चा में है। यह घोषणा किसानों को किफायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराने से जुड़ी है। इसके तहत किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे किसानों को अब अधिक वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
किसानों को फसल उत्पादन और कृषि से जुड़ी आवश्यकताओं के लिए आसान तरीके से ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना की शुरुआत की गई थी। यह योजना भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और नाबार्ड (NABARD) के संयुक्त प्रयास से वर्ष 1988 में लागू की गई थी। KCC के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे वे बीज, खाद, कीटनाशक और अन्य कृषि आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं।
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इस योजना का लाभ सभी प्रकार के किसान उठा सकते हैं, चाहे वे व्यक्तिगत रूप से खेती कर रहे हों या साझेदारी में। इसमें भूमि स्वामी, बंटाई पर खेती करने वाले किसान, मौखिक पट्टे पर जमीन लेने वाले किसान और साझेदारी में खेती करने वाले किसान शामिल हैं। इसके अलावा, स्वयं सहायता समूह (SHG) और जॉइंट लायबिलिटी ग्रुप (JLG) से जुड़े किसान भी इस योजना के लिए पात्र हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) किसानों को इनपुट डीलरों के साथ सीधे लेन-देन करने और अपनी कृषि उपज की बिक्री से हुई आमदनी को सीधे बैंक खाते में प्राप्त करने की सुविधा देता है।
1. यह एक मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड होता है, जिसमें पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर (PIN) और ISO IIN नंबर मौजूद रहता है।
2. कुछ बैंकों में, आधार से जुड़े बैंकिंग सिस्टम के तहत, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन वाला डेबिट कार्ड भी उपलब्ध कराया जाता है।
3. यह सभी बैंकों के ATM और माइक्रो ATM पर कार्य करता है।
4. इस कार्ड को Europay, MasterCard या VISA द्वारा जारी किया जाता है।
अभी इतना ही नहीं किसानों को सरकार की तरफ ये भी मिला
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में घोषणा की कि प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना के तहत लगभग 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। इस योजना का मकसद उन जिलों को सहायता प्रदान करना है जहां कृषि उत्पादन अपेक्षाकृत कम है और किसानों को सरकारी सहयोग की आवश्यकता है।
सरकार ने डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्रों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए 5 लाख रुपये तक के किफायती ऋण की सुविधा की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य इन क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।
सरकार ने बिहार के किसानों को ध्यान में रखते हुए मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष मखाना बोर्ड स्थापित करने का फैसला किया है। इस पहल से मखाना उत्पादकों को न केवल बेहतर बाजार उपलब्ध होगा, बल्कि उन्हें सरकारी सहायता भी प्राप्त होगी।