
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने hampi Chintan Shivir में (सोर्स-सोशल मीडिया)
AI for Developed India: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक के ऐतिहासिक हम्पी में आयोजित दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ की अध्यक्षता की है। इस महत्वपूर्ण बैठक का मुख्य उद्देश्य सरकारी प्रक्रियाओं को अधिक सरल, पारदर्शी और भविष्य की जरूरतों के अनुसार तैयार करना था।
इसमें वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने डिजिटल टूल्स के माध्यम से जवाबदेही बढ़ाने पर मंथन किया। सीतारमण ने इस दौरान ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए नई तकनीकों और बेहतर वित्तीय प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया।
चिंतन शिविर के दौरान ‘AI, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और विकसित भारत के लिए फाइनेंसिंग’ विषय पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। वित्त मंत्री ने चर्चा की कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और आधुनिक टेक्नोलॉजी-इनेबल्ड सिस्टम का उपयोग नीति निर्माण को मजबूत करने के लिए किया जा सकता है।
सरकार का लक्ष्य है कि तकनीक के जरिए फंड के प्रवाह को कुशल बनाया जाए और टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन को इस तरह तैयार किया जाए कि करदाताओं को कम से कम परेशानी हो। इन सुधारों से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि विभागों के बीच तालमेल भी बेहतर होगा।
निर्मला सीतारमण ने विजयनगर क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को याद करते हुए कहा कि यह भारतीय साम्राज्य की समृद्धि का एक शानदार उदाहरण रहा है। हालांकि, उन्होंने वर्तमान समय के विरोधाभासों की ओर भी ध्यान दिलाया।
उन्होंने जिक्र किया कि जहां एक ओर हंपी के शानदार स्मारक हैं, वहीं दूसरी ओर पास के क्षेत्र सूखे और कम कृषि उत्पादकता जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। वित्त मंत्री ने अधिकारियों को संदेश दिया कि नीतियां बनाते समय जमीनी विकास की वास्तविकताओं और स्थानीय चुनौतियों से जुड़े रहना अत्यंत आवश्यक है।
इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, वित्त मंत्री ने कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में सीएसआर (CSR) के तहत पांच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एसटीईएम (STEM) और रोबोटिक्स लैब विकसित करने के प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया।
उन्होंने ‘विजआईपथा’ (Cyient AI Labs) लॉन्च किया, जो हम्पी और होसपेटे क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बच्चों को भविष्य की तकनीकों से जोड़ने का काम करेगा। इस पहल का उद्देश्य आधुनिक तकनीक की शिक्षा को केवल शहरों तक सीमित न रखकर समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना और शिक्षा का लोकतंत्रीकरण करना है।
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बैठक में सीबीडीटी (CBDT) और सीबीआईसी (CBIC) के चेयरमैन समेत भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार भी उपस्थित रहे। चर्चा के केंद्र में यह बात रही कि किस प्रकार रेगुलेटरी नियमों को अधिक अनुमानित और सुलभ बनाया जाए ताकि व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business) हो।
वित्त मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करें जिससे देश की आर्थिक वृद्धि दर लगातार बनी रहे। भविष्य के रोडमैप में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही को ही सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ माना गया है।






