तेजस्वी यादव की चेतावनी पर रामदास अठावले (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Assembly Election: तेजस्वी यादव ने गुरुवार को SIR विवाद को देखते हुए आगामी बिहार चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी। इस पर रामदास अठावले ने कहा कि अगर विपक्ष चुनाव बहिष्कार की बात कर रहा है, तो वे हार मान रहे हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) विवाद को लेकर बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा आगामी बिहार चुनाव के बहिष्कार की धमकी के बाद राजनीतिक बवाल मचा दिया। इस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि अगर विपक्ष चुनाव बहिष्कार की बात कर रहा है, तो इसका मतलब है कि वे हार मान रहे हैं।
बता दें तेजस्वी यादव ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा कराये गए विशेष गहन पुनरीक्षण पर लगातार हमला किया है और अब उन्होंने यहां तक की धमकी दे डाली की चुनाव का बहिष्कार कर देंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, ‘अगर वे चुनाव बहिष्कार की बात कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वे हार मान रहे हैं। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी आदेश के कारण विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस आदेश में जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य किया गया है।’ जन्म प्रमाण पत्र की शर्त सभी पर लागू होती है, वोट पाने वालों पर भी। विपक्ष का यह आरोप कि मतदाताओं को परेशान किया जा रहा है, गलत है। सुप्रीम कोर्ट जो भी कहेगा, उसे लागू किया जाएगा।
इससे पहले, तेजस्वी यादव ने गुरुवार को SIR पर उठे विवाद को देखते हुए आगामी बिहार चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ‘जब यह पहले ही तय हो चुका था कि लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएँगे और जब इन्हीं मतदाताओं ने पहले प्रधानमंत्री मोदी को वोट देकर सरकार का भविष्य तय किया था, तब सब कुछ ठीक था। हम अचानक ‘SIR’ की ज़रूरत के बारे में पूछ रहे हैं। इसका मतलब है कि सत्ता में बैठे लोग स्वीकार कर रहे हैं कि वे पहले छल करके सत्ता में आए थे और अब भी वही दोहराया जाएगा। जब उन्होंने बेईमानी करने का फैसला कर लिया है, तो हम चुनाव बहिष्कार पर चर्चा कर सकते हैं। हमारे पास यह विकल्प है।’
उन्होंने कहा, ‘अगर लोग वोट नहीं देंगे तो लोकतंत्र में चुनाव का क्या मतलब? हमारे पास चुनाव बहिष्कार का विकल्प है।’ मुख्य दांव चुनाव आयोग 1 अगस्त के बाद खेलेगा, जब जाँच पूरी हो जाएगी।’ उन्होंने दावा किया कि राज्य को नई दिल्ली से रिमोट के ज़रिए नियंत्रित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मतदाता सूची संशोधन के आदेश दे रहे हैं।
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इस बीच, बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ भारत के सांसदों ने लगातार चौथे दिन विरोध प्रदर्शन किया। सांसद संसद भवन मकर द्वार पर एकत्रित हुए और इस प्रक्रिया को तत्काल रोकने की माँग की। विपक्षी दलों ने बार-बार लोकसभा और राज्यसभा में इस पुनरीक्षण प्रक्रिया पर चर्चा की माँग की है। मानसून सत्र की शुरुआत से ही हर दिन स्थगन प्रस्ताव पेश किए जा रहे हैं। उनका आरोप है कि SIR की आड़ में मतदाता सूचियों में हेराफेरी की जा रही है।