मांझी, शंकराचार्य (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Election Politics: राजनीति और धर्म का भारत के परिप्रेक्ष्य में चोली-दाम का साथ कहा जा सकता है। पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो चुनाव में असल मुद्दों की बजाय धर्मिक मुद्दे केंद्र में रहे हैं। भारत में साधु-संतो राजनीति में दखल रखते हैं, कुछ तो सीधे चुनाव में भी उतर चुके हैं, लेकिन पहली बार शंकराचार्य के पद पर विराजमान व्यक्ति ने पूरे राज्य में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हम बात कर रहे हैं। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की। उन्होंने गौरक्षा के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ बिहार की 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद इससे पहले वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रत्याशी उतार चुके हैं। उस समय भी उनका मुद्दा गौ हत्या ही था। भाजपा एक प्रो हिंदू पार्टी मानी जाती है। 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रमुख मुद्दे उठाए थे, उसमें से एक गौ हत्या भी था। अविमुक्तेश्वरानंद के अनुसार सत्ता में आने के बाद भाजपा ने गौ हत्या रोकने के लिए प्रभावी तरीके से काम नहीं किया।
अब शंकराचार्य ने बिहार विधानसभा के चुनाव में सभी सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। इससे सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है। माना जा रहा है कि शंकराचार्य के उम्मीदवार भाजपा और एनडीए का वोट काटेंगें। अब इसी मामले पर केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने शनिवार को बोधगया में कहा कि ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से शंकराचार्य का टाइटल हट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे गंदा आदमी है। इस दौरान मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।
आगे मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री जो कहते हैं वो करते हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को सरकार का काम नहीं दिखाई देता, जबिक प्रधानमंत्री ने जो किया उसको पूरा संसार देख रहा है। इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी आज संसार में अगुआ नेता के रूप में चिन्हित हो रहे हैं। पीएम के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बन गई है। भारत आज चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर पहुंच गया है। यह शंकराचार्य को दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं मांझी ने शंकराचार्य के चुनाव लड़ने पर कहा कि भारत में लोकतंत्र है। हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। कोई किसी नहीं रोक सकता है।
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बिहार की राजधानी पटना पहुंचे शंकराचार्य ने कहा कि गौ माता की रक्षा के लिए बिहार की सभी सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा करेंगे। उन्होंने गौ-हत्या रोकने के लिए सभी राजनीतिक दलों के चौखट के चक्कर काटे, लेकिन कहीं से भी उन्हें माकूल जवाब नहीं मिला। इसलिए अब वे वोटरों के पास सीधे जाएंगे। उन्होंने बताया कि बिहार में गौ मतदाता संकल्प यात्रा निकाल रहे हैं। इसकी शुरुआत शनिवार को सीतामढ़ी में मां जानकी मंदिर में पूजा करने के बाद हो रही है। इस यात्रा के तहत वे बिहार के सभी जिला मुख्यालयों का भ्रमण करेंगे।