जीतनराम मांझी (फोटो-सोशल मीडिया)
Bihar News: बिहार के मुहाने पर विधानसभा चुनाव दस्तक दे रहा है। राज्य में सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। हालांकि अभी औपचारिक ऐलान बाकी है, जिसकी जल्द होने की संभावना है। इस बीच बिहार के चर्चित मुद्दों में से एक शराबबंदी संग्राम छिड़ गया है। NDA के सहयोगी व केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है।
जीतमराम मांझी ने कहा कि लिटल-लिटल यानी कि थोड़ी बहुत शराब पीने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज केस को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले खत्म करने की डिमांड की है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर नीतीश सरकार की नीतियों की आलोचन करते हुए कहा कि शराब पीने लिए ले जाने वालों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, बल्कि शराब बनाने और बेंचने के लिए तस्करी करने वाले माफियाओं के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में शराबबंदी पर सरकार उठाए। उन्होंने सीएम नीतीश से कहा कि बड़े पैमाने पर हजारों-लाखों लीटर शराब बनाने वाले माफिया को पकड़ने के लिए सघन अभियान चलाना चाहिए। गौरतलब है कि विपक्षी दल अक्सर नीतीश सरकार के शराबबंदी फेल बताते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को लगता है शराबबंद है, लेकिन जमीन पर हालत खऱाब है। इससे आम जनता की परेशानी बढ़ गई। गरीब लोग जेल में हैं।
मांझी ने कहा कि शराबबंदी की तीसरी बार जब समीक्षा हुई थी, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर कोई व्यक्ति पीने के लिए थोड़ी मात्रा में शराब ले जा रहा हो तो उसे नहीं पकड़ा जाए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार को नीतीश कुमार के निर्देशों पर गौर करते हुए शराब पीने के मामले में पकड़े गए लोगों के खिलाफ दर्ज केस खत्म कर देना चाहिए।
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केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस अपना पाप छिपाने के लिए बड़े-बड़े शराब तस्करों को छोड़ रही है। कोरमपूर्ति के लिए गरीबों को पकड़कर जेल भेज रही है। इस बात को मुख्यमंत्री को समझना चाहिए। तीसरी बार जो समीक्षा हुई उसके अनुसार चुनाव के पहले शराब मामले में जेल गए गरीब लोगों के व छोटे केसों को खत्म कर देने चाहिए।