
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी। इमेज-सोशल मीडिया
Rajya Sabha Seat Conflict: राज्यसभा की सीट को लेकर बिहार एनडीए में सब ठीक नहीं चल रहा है। इसको लेकर घटक दल के दो बड़े नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी खुलकर फ्रंट फुट पर हैं। मांझी ने कहा है कि अप्रैल 2026 में खाली हो रहीं 5 राज्यसभा सीटों में से एक नहीं मिला तो गठबंधन से नाता तोड़ लेंगे। वैसे, विधानसभा चुनाव 2025 में भी कम सीट मिलने पर मांझी ने गठबंधन छोड़ने की बात कही थी, लेकिन किया कुछ नहीं।
कुशवाहा के बयान के बाद नया विवाद शुरू हो गया है। कुशवाहा ने जीतन राम मांझी की राज्यसभा सीट की मांग को अनुचित कर दिया था। इस पर मांझी ने पलटवार किया और कहा कि उपेंद्र कुशवाहा मैच्योर नेता हैं। उन्हें मेरी जायज मांग पर ऐतराज नहीं करनी चाहिए।
मांझी ने कुशवाहा पर निजी लाभ लेने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि कुशवाहा खुद राज्यसभा सांसद हैं। उनकी पत्नी सासाराम से विधायक हैं, बेटा नीतीश सरकार में मंत्री है तो क्यों नहीं बोलेंगे वो? केंद्रीय मंत्री मांझी ने अपनी दावेदारी पर कहा कि राज्यसभा सीट को लेकर दिया गया उनका बयान केवल अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन के लिए एक सुझाव था। यह मेरे पार्टी का मामला है, जिसमें दूसरे घटक दलों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने जहानाबाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राज्यसभा सीट से जुड़े सवाल पर ये बातें कही। उन्होंने जहानाबाद के शकुराबाद में निजी कार्यक्रम में शामिल होने के क्रम में कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने उनके बेटे और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन से एक राज्यसभा सीट देने का वादा किया था। उसी वादे के अनुरूप आज उनकी पार्टी मांग कर रही है।
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मांझी ने आगे कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन लोकतंत्र में अपनी बात और मांगों को रखना गलत नहीं है। पार्टी और समाज के हित में वे अपनी बात रख रहे हैं।






