तेजस्वी यादव, लालू यादव
पटना: बिहार की सियासत में राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर लालू यादव की 13वीं बार निर्विरोध वापसी होने जा रही है। पार्टी के इस फैसेले ने एक बार फिर सियासी गलियारों में चर्चा छेड़ दी है। RJD के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि लालू ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे तथा सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। वहीं, आज यानी 23 जून को लालू यादव ने नॉमिनेशन भी किया।
इसको लेकर भाजपा के प्रवक्ता अजय आलोक ने तंज कसते हुए कहा कि पार्टी की कमांड अभी भी छोटे नवीं के सितारे को नहीं देना चाहते, क्योंकि डर है कि दारा शिकोह और औरंगजेब वाला किस्सा घर में न हो जाए। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट कर अजय आलोक ने राजद के फैसले पर सवाल उठाया। उनके पोस्ट से सवाल उठता है कि क्या ये लालू की मजबूरी है, रणनीति का हिस्सा या फिर परिवार और पार्टी में बगावत का डर?
राजनीतिक जानकारों की मानें तो लालू प्रसाद यादव का RJD पर दबदबा सियासत में एक अनोखी मिसाल हैं। साल 1997 में पार्टी की स्थापना से लेकर अब तक लालू यादव इसके निर्विवाद नेता रहे हैं। लेकिन, 78 वर्षीय लालू के उम्र और कई बीमारियों-मधुमेह, हृदय रोग तथा किडनी की समस्याओं के बावजूद अध्यक्ष बने रहने से कई सवाल खड़े होते हैं।
पार्टी महासचिव सिद्दीकी ने कहा कि लालू की लोकप्रियता बिहार की राजनीति में बेजोड़ है। जाहिर है सिद्दीकी का ये बयान लालू की करिश्माई छवि दिखाता है जो यादव और मुस्लिम वोटरों के बीच अब भी मजबूत है। लेकिन क्या ये तेजस्वी को कमान न सौंपने का बहाना है या फिर सचमुच लालू यादव का प्रभाव अभी भी तेजस्वी यादव से अधिक है?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लालू यादव का अध्यक्ष बने रहना पार्टी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। साल 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले RJD को अपने कोर वोट बैंक-यादव और मुस्लिम जिसे M-Y कहते हैं को एकजुट रखने की जरूरत है। लालू यादव का नाम इन समुदायों के बीच अब भी जादू की तरह काम करता है। तेजस्वी को कमान सौंपने से पहले लालू ये सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि पार्टी तथा गठबंधन (महागठबंधन) एक मजबूत स्थिति रहे।
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इसके साथ ही लालू यादव का नेतृत्व करना NDA के ‘परिवारवाद’ के आरोपों का भी जवाब है। अगर तेजस्वी को अभी कमान दी जाती तो भाजपा इसको परिवारवाद का मुद्दा बनाकर हमला बोलती जैसा कि अजय आलोक के बयान में देखा जा सकता है।