बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (फोटो- सोशल मीडिया)
Jitan Ram Manjhi on I Love Mohammad Controversy: ‘आई लव मोहम्मद’ स्लोगन पर छिड़ा सियासी घमासान अब उत्तर प्रदेश से होते हुए बिहार पहुंच गया है, जहां नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इस विवाद में अब एनडीए सरकार में मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने इस स्लोगन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि इससे सांप्रदायिकता की बू आती है। मांझी ने ऐसी किसी भी चीज पर रोक लगाने की अपील की है, जिससे समाज में टकराव की स्थिति पैदा हो।
रविवार को गया में एक कार्यक्रम के दौरान जीतनराम मांझी इस मुद्दे पर बात करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि संविधान सभी को अपने धर्म के प्रचार की आजादी देता है, लेकिन अगर इससे देश या समाज का नुकसान होता है, तो यह गलत है। उन्होंने कहा कि ईश्वर तक पहुंचने के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, चाहे वह श्रीराम हों, श्रीकृष्ण हों या मोहम्मद साहब। लेकिन जब किसी नाम का इस्तेमाल सांप्रदायिकता फैलाने के लिए किया जाता है, तो यह सही नहीं है। ‘आई लव मोहम्मद’ की बात से कहीं न कहीं सांप्रदायिकता की बू आई है, जिसके कारण इसका विरोध हो रहा है।
‘आई लव मोहम्मद’ स्लोगन को लेकर बिहार के अररिया में भारी बवाल हो चुका है। इस मुद्दे पर राजनीतिक दल भी आमने-सामने हैं। जहां बीजेपी इसका खुलकर विरोध कर रही है, वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इसके समर्थन में उतर आए हैं। किशनगंज में एक बयान में ओवैसी ने पूछा कि इसमें गलत क्या है? उन्होंने कहा कि अगर मोहब्बत का विरोध होगा तो ‘मुगल-ए-आजम’ की तरह मोहब्बत जिंदाबाद का नारा बुलंद किया जाएगा। ओवैसी के इस बयान ने बिहार की सियासत को और गरमा दिया है।
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‘आई लव मोहम्मद‘ के जवाब में अब ‘आई लव शक्ति’ के पोस्टर भी सामने आ गए हैं। मुजफ्फरपुर में नवरात्रि के एक कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के मंच पर ‘आई लव शक्ति’ के पोस्टर लगे दिखे। गिरिराज सिंह ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘आई लव मोहम्मद’ का पोस्टर लगाया जा रहा है, अगर गलती से भी यह हवा में फट गया तो ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगने लगेंगे। इस तरह के बयानों और पोस्टरों ने राज्य में राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया है।