
Car का Engine के रखें सुरक्षित। (सौ. Freepik)
Engine Overheating: कार का इंजन वाहन का सबसे महंगा और संवेदनशील हिस्सा होता है। इसकी देखभाल में छोटी-सी लापरवाही भी आगे चलकर बड़ी परेशानी और महंगे रिपेयर का कारण बन सकती है। कई बार सफर के दौरान कार का इंजन ओवरहीट हो जाता है, जिससे बीच सफर में ही गाड़ी को रोकना पड़ सकता है। इंजन ओवरहीट होने के कई कारण होते हैं, जिनमें सबसे आम कारण है कार को लंबे समय तक लगातार चलाना। लगातार ड्राइविंग से इंजन पर दबाव बढ़ता है और तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है।
गर्म मौसम में ड्राइविंग करते समय भी इंजन सामान्य से ज्यादा गर्म हो सकता है। वहीं तीसरा बड़ा कारण होता है कूलेंट सिस्टम का लीकेज। कूलेंट लीक होने पर इंजन के अंदर तापमान को कंट्रोल नहीं किया जा सकता, जिससे इंजन जल्दी ओवरहीट होने लगता है और गाड़ी को नुकसान का खतरा बढ़ जाता है।
यदि सफर के दौरान इंजन अचानक ओवरहीट हो जाए, तो कुछ गलतियाँ बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए। सबसे बड़ा नियम गाड़ी को जबरदस्ती चलाते न रहें। ऐसा करने से इंजन को स्थायी नुकसान हो सकता है और आगे चलकर हजारों रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। जैसे ही तापमान मीटर रेड ज़ोन में पहुँचे या गर्मी बढ़ने का संकेत मिले, तुरंत गाड़ी को किसी सुरक्षित जगह रोकें। इंजन को बंद करके कुछ देर ठंडा होने दें। एक महत्वपूर्ण बात इंजन गर्म होने पर AC को तुरंत बंद कर दें, ताकि इंजन पर अतिरिक्त लोड न पड़े और तापमान धीरे-धीरे सामान्य हो सके।
कई लोग घबराहट में तुरंत रेडिएटर कैप खोलकर तापमान जांचने की कोशिश करते हैं। लेकिन कंपनी मैन्युअल में साफ चेतावनी दी जाती है, “इंजन बंद करने के तुरंत बाद रेडिएटर कैप न खोलें।” ऐसा करने से उबलता हुआ गर्म कूलेंट प्रेशर के साथ बाहर फट सकता है और गंभीर चोट लगा सकता है। इसलिए इंजन के पूरी तरह ठंडा होने तक इंतजार करना बेहद जरूरी है।
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अगर इंजन बार-बार ओवरहीट हो रहा है, तो संभव है कि कार में कहीं से कूलेंट लीक हो रहा हो। इसके संकेत इस प्रकार हो सकते हैं: कार के नीचे कूलेंट की बूंदें, पाइप के पास नमी, रेडिएटर के आसपास भाप दिखना। यदि आपको लीकेज का पता नहीं चलता, तो तुरंत किसी अच्छे मैकेनिक को गाड़ी दिखाना जरूरी है। छोटी-सी लीकेज भी आगे चलकर बड़ा इंजन फेलियर बन सकती है।






