ब्रिटीश प्रधानमंत्री से मिले वोलोडिमिर जेलेंस्की (फोटो- सोशल मीडिया)
Zelensky Meet Starmer: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 15 अगस्त 2025 यानी कल अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकत करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक से यूक्रेन युद्ध का भविष्य तय हो सकता है। इसके लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की में घबराहट साफ देखने को मिल रही है। वो लगातार अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्याक्षों से बात कर रहें है। इसी बीच वो गुरूवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से मिलने लंदन पहुंचे।
दोनों नेताओं की यह मुलाकात अलास्का में होने वाली अमेरिका-रूस शिखर वार्ता से एक दिन पहले हुई। 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से गले मिलकर एकजुटता का संकेत दिया, हालांकि उन्होंने कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की।
जेलेंस्की की यह यात्रा बर्लिन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक में शामिल होने के एक दिन बाद हुई। उन बैठकों में ट्रंप ने आश्वासन दिया कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शुक्रवार को होने वाली मुलाकात में यूक्रेन में युद्धविराम को प्राथमिकता देंगे।
Zelensky arrives in London to meet with UK’s Starmer
Is he making his rounds to kiss ass right before Putin-Trump summit? pic.twitter.com/cry4B6foYr
— RT (@RT_com) August 14, 2025
स्टारमर ने बैठक से पहले स्पष्ट किया कि यदि पुतिन समझौते में विफल रहते हैं, तो रूस पर और सख्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश रूस पर प्रतिबंधों और अन्य कठोर उपायों के लिए तैयार हैं।
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यूरोपीय देशों और यूक्रेन की चिंता है कि यह शिखर वार्ता कहीं उन्हें दरकिनार न कर दे और कोई भी समझौता रूस के पक्ष में न झुक जाए। यह चिंता इसलिए भी गहरी है क्योंकि रूस का यूक्रेन पर आक्रमण अब चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है।
इस दौरान स्टारमर ने जोर दिया कि कोई भी समझौता यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करे। उन्होंने कहा कि जबरदस्ती अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ नहीं बदली जा सकतीं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर शांति होनी है, तो वह स्थायी होनी चाहिए और उसमें मजबूत सुरक्षा गारंटी शामिल होनी चाहिए।
वहीं, यूक्रेन के आम नागरिकों का भरोसा इस प्रक्रिया में कम होता दिख रहा है। कीव की एक नागरिक ओलेक्सांद्रा कोजलोवा ने कहा कि लोग अब शांति वार्ताओं से कोई ठोस परिणाम की उम्मीद नहीं कर रहे। एक अन्य नागरिक, एंटोन विश्नियाक ने कहा कि अब सबसे जरूरी है यूक्रेनी सैनिकों की जान बचाना। चाहे इसके लिए कुछ क्षेत्रीय समझौते ही क्यों न करने पड़ें।