
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Russia Ukraine War News In Hindi: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने क्रिसमस की शाम देश की जनता को संबोधित करते हुए रूस के खिलाफ तीखा और भावनात्मक संदेश दिया। अपने भाषण में उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम लिए बिना उनकी मौत की कामना की जिससे उनका संबोधन वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया।
जेलेंस्की ने यूक्रेन की एक प्राचीन लोक मान्यता का उल्लेख करते हुए कहा कि क्रिसमस की रात स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं और उस समय मांगी गई कामना अवश्य पूरी होती है। उन्होंने कहा कि आज हम सभी एक ही सपना साझा करते हैं और एक ही कामना करते हैं कि वह इस दुनिया में हमारे बीच न रहे। हालांकि, उन्होंने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान का संकेत स्पष्ट माना जा रहा है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस ने क्रिसमस की पूर्वसंध्या से ठीक पहले यूक्रेन के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि देश के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति बुरी तरह बाधित हो गई। यूक्रेनी प्रशासन के अनुसार, रूस ने क्रिसमस के दिन भी यूक्रेन पर 131 ड्रोन दागे।
यूक्रेनी वायु रक्षा प्रणाली ने इनमें से अधिकांश ड्रोन मार गिराए लेकिन 22 ड्रोन 15 अलग-अलग क्षेत्रों में गिरने में सफल रहे जिससे बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। कई इलाकों में आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इन हमलों को ‘ईश्वर-विहीन हमला’ करार देते हुए कहा कि रूस ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि वह वास्तव में क्या है। उन्होंने कहा कि क्रिसमस की पूर्वसंध्या पर भारी गोलाबारी, सैकड़ों ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइलें और किंझाल हमले सब कुछ झोंक दिया गया। यही उनका असली चेहरा है।
अपने संबोधन में जेलेंस्की ने यूक्रेनी नागरिकों से इन कठिन हालात में मजबूती से डटे रहने की अपील की। उन्होंने देश की रक्षा में लगे सैनिकों, वायु रक्षा कर्मियों और आपातकालीन सेवाओं का आभार जताया जो अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सुरक्षा में जुटे हैं।
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उन्होंने उन सभी शहीदों को भी याद किया जिन्होंने यूक्रेन की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। साथ ही, कब्जे वाले इलाकों में रह रहे लोगों और उन नागरिकों का जिक्र किया जिन्हें अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। जेलेंस्की ने कहा, ‘हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, जिन्होंने अपने भीतर से यूक्रेन को नहीं खोया, यूक्रेन उन्हें कभी नहीं खोएगा। आज हम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और अंधेरे में भी अपना रास्ता नहीं भटकेंगे।’






