
ईरान के फैसले से अमेरिका-इजरायल अलर्ट पर, फोटो (सो. एआई डिजाइन)
Iran Nuclear Weapons Program News In Hindi: ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर इटली के प्रतिष्ठित थिंक टैंक इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिकल स्टडीज (ISPI) ने एक अहम और चौंकाने वाला दावा किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अक्टूबर में बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए छोटे परमाणु हथियार विकसित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। ISPI का कहना है कि यह फैसला इजरायल के साथ जून में हुए युद्ध के बाद लिया गया, जिसमें ईरान की रक्षा क्षमताओं की कुछ कमजोरियां सामने आईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, खामेनेई कई वर्षों तक परमाणु हथियारों से जुड़े किसी भी कदम का विरोध करते रहे थे। उन्होंने न तो हथियार-स्तर तक यूरेनियम संवर्धन की अनुमति दी और न ही ऐसे परमाणु हथियार विकसित करने की, जिन्हें मिसाइलों के जरिए दागा जा सके। यह रुख उन्होंने ईरान की सुरक्षा एजेंसियों और खासतौर पर इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के लगातार दबाव के बावजूद बनाए रखा था।
हालांकि, ISPI का दावा है कि अक्टूबर में खामेनेई ने सीमित दायरे में नीति में बदलाव किया। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए छोटे परमाणु हथियारों के विकास की अनुमति दी लेकिन यूरेनियम संवर्धन को 60 प्रतिशत से आगे बढ़ाने की मंजूरी अब भी नहीं दी है। ISPI का आकलन है कि जून के युद्ध के दौरान ईरान की एयर डिफेंस प्रणाली अपेक्षा के अनुरूप प्रभावी साबित नहीं हुई।
जबकि उसकी मध्यम दूरी की मिसाइलें ही कारगर रहीं। इसके बाद ईरानी नेतृत्व इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि इजरायल और अमेरिका के खिलाफ वास्तविक और स्थायी रोकथाम केवल परमाणु हथियारों से ही संभव है।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के आंकड़ों के मुताबिक, 13 जून 2025 तक ईरान के पास 60 प्रतिशत तक संवर्धित 441 किलोग्राम यूरेनियम मौजूद था। यह किसी भी गैर-परमाणु देश के लिए अब तक का सबसे ऊंचा स्तर माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 60 प्रतिशत संवर्धन हथियार-स्तर 90 प्रतिशत के काफी करीब होता है। नवंबर 2024 की एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया था कि यदि इस यूरेनियम को और संवर्धित किया जाए तो ईरान के पास दर्जन भर से अधिक परमाणु हथियार बनाने लायक सामग्री हो सकती है।
ISPI का यह भी कहना है कि आधुनिक सेंट्रीफ्यूज की मौजूदगी में 60 प्रतिशत से 90 प्रतिशत संवर्धन तक पहुंचने में केवल कुछ ही हफ्ते लग सकते हैं। हालांकि, लंबी दूरी की मिसाइलों में फिट होने वाले छोटे और प्रभावी परमाणु हथियार तैयार करना अब भी ईरान के लिए सबसे बड़ी तकनीकी और रणनीतिक चुनौती बना हुआ है।
फिलहाल ISPI के इन दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। ईरान के विपक्षी संगठन नेशनल काउंसिल ऑफ रेजिस्टेंस ऑफ ईरान ने भी दावा किया है कि अक्टूबर 2024 में खामेनेई ने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को परमाणु बम निर्माण की प्रक्रिया तेज करने का आदेश दिया था। लेकिन अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों और IAEA ने इन दावों की पुष्टि नहीं की है।
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वहीं, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का आकलन अगस्त 2025 तक यही है कि ईरान सक्रिय रूप से परमाणु बम नहीं बना रहा है और खामेनेई ने औपचारिक रूप से परमाणु हथियार कार्यक्रम को दोबारा शुरू करने की अनुमति नहीं दी है। ऐसे में ISPI की रिपोर्ट ने वैश्विक कूटनीति और सुरक्षा समीकरणों में एक नई बहस जरूर छेड़ दी है।






