खालिदा जिया
ढाका: बांग्लादेश में हिंसा के बीच शेख हसीना ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर बांग्लादेश छोड़कर भाग गईं। उनके भागने के कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने बढ़ती हिंसा को देखते हुए जेल में बंद विपक्षी नेता और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया। एक बयान के मुताबिक, विपक्षी पार्टी के सदस्यों के साथ एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।
शहाबुद्दीन ने सर्वसम्मति से बीएनपी अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को तुरंत रिहा करने का फैसला किया। बैठक में सेना प्रमुख वकर-उज-जमान नौसेना और वायु सेना के प्रमुख और बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी सहित विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए।
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खालिदा जिया कद्दावर नेता
बेगम खालिदा जिया एक प्रमुख बांग्लादेश की कद्दावर नेता हैं, जिन्होंने मार्च 1991 से मार्च 1996 तक और फिर जून 2001 से अक्टूबर 2006 तक देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी के रूप में वह 1984 से BNP यानी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष हैं, जिसकी स्थापना उनके पति ने 1978 में की थी।
2007 में कार्यवाहक सरकार ने सत्ता संभाली
जिया ने 1990 में जनरल हुसैन मुहम्मद इरशाद के खिलाफ सैन्य तख्तापलट विरोधी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1991 के आम चुनावों में अपनी पार्टी को जीत दिलाई। उनके कार्यकाल में उन्हें 2001 में फिर से चुना गया। लेकिन, उनके प्रशासन को भ्रष्टाचार के महत्वपूर्ण आरोपों का सामना करना पड़ा, जिससे 2007 में सैन्य समर्थित कार्यवाहक सरकार ने सत्ता संभाली।
खालिदा जिया को 17 साल की जेल की सजा
खालिदा जिया ने साल 2018 में भ्रष्टाचार के आरोपों में 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। अमेरिकी विदेश विभाग और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उनके मुकदमे की निष्पक्षता के बारे में चिंता जताई। उन्हें मार्च 2020 में मानवीय आधार पर रिहा कर दिया गया और उन्हें कुल 36 कानूनी मामलों का सामना करना पड़ा।
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