तस्वीर में तसलीमा नसरीन और शेख हसीना
नई दिल्ली: बांग्लादेश में चल रहे बवाल के बीच फेमस लेखिका और एक्टिविस्ट तसलीमा नसरीन ने शेख हसीना के नीतियों की आलोचना की है। साथ उनके देश छोड़ने पर तंज भी कसा है। बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा ने कहा कि जिन्हें खुश करने के लिए हसीना ने मुझे देश से निकाला। आज उन्हीं लोगों ने हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।
तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट शेयर की। पोस्ट में उन्होंने ढाका की मौजूदा हालात और प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को निशाना बनाया।
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इस्लामवादियों ने देश छोड़ने को मजबूर किया
तसलीमा नसरीन ने पोस्ट में लिखा, हसीना ने जिन इस्लामवादियों को खुश करने के लिए 1999 में मुझे मेरे देश से बाहर निकाल दिया। आज उन्होंने ही शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा जब मैं अपनी मां को उनकी मृत्युशय्या पर देखने के लिए बांग्लादेश में दाखिल हुई थी और मुझे फिर कभी देश में प्रवेश नहीं करने दिया। वही इस्लामवादी छात्र आंदोलन में शामिल रहे हैं जिन्होंने आज हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर किया।
Hasina had to resign and leave the country. She was responsible for her situation. She made Islamists to grow. She allowed her people to involve in corruption. Now Bangladesh must not become like Pakistan. Army must not rule.Political parties should bring democracy & secularism.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 5, 2024
पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए बांग्लादेश
इस पोस्ट के पहले तसलीमा नसरीन ने बांग्लादेश के लिए एक और पोस्ट की। उसमें उन्होंने लिखा कि हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वह अपनी स्थिति के लिए खुद जिम्मेदार थीं। उसने इस्लामवादियों को बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उसने अपने लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने की अनुमति दी। अब बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए। सेना को शासन नहीं करना चाहिए। राजनीतिक दलों को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता लानी चाहिए।
बांग्लादेश में प्रतिबंधित हैं तस्लीमा नसरीन
बता दें कि बांग्लादेश की जानी मानी लेखिका तसलीमा नसरीन बांग्लादेश में प्रतिबंधित हैं। उन्हें अपने ही देश में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है। बांग्लादेश से प्रतिबंधित होने के बाद तस्लीमा ने भारत में आकर शरण लीं और यहीं भारत में रहने लगीं।
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