दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री सिरीमावो भंडारनायके के साथ भार की पहली महिला पीएम इंदिरा गांधी, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के अधिकारों, उनकी उपलब्धियों और समाज में उनके योगदान का जश्न मनाने का खास अवसर है। इस दिन दुनियाभर में महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम, सेमिनार और रैलियों का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर हम आपको बताते हैं कि दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री कौन थीं।
दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री सिरीमावो भंडारनायके का जन्म 17 अप्रैल 1916 को श्रीलंका के रत्नापुरा में हुआ था। उन्होंने 1960 में श्रीलंका की प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचा। सिरीमावो ने 1965 तक प्रधानमंत्री पद संभाला, फिर 1970 से 1977 और 1994 से 2000 तक दो बार और इस पद पर रहीं।
सिरीमावो भंडारनायके तीन बार श्रीलंका की प्रधानमंत्री बनीं और 1960 से 1969 तक श्रीलंका फ्रीडम पार्टी की अध्यक्ष रहीं। उनका जन्म एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था और उन्होंने कैथोलिक शिक्षा प्राप्त की, हालांकि वह आजीवन बौद्ध रहीं। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उनका व्यक्तिगत जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। 1959 में उनके पति की हत्या हो गई, जिसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और अपनी पार्टी को फिर से सत्ता में लाने में सफलता प्राप्त की।
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सिरिमावो बंडारनाइके का जन्म 17 अप्रैल 1916 को श्रीलंका के रत्नापुरा जिले के इलावाला वालवा में हुआ था। उनकी मां, रोशेलिंद हिल्डा महावलातें कुमारीहमी, एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक थीं, जबकि उनके पिता, बार्न्स रवाटे, एक राजनेता थे। सिरिमावो परिवार में 6 भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कैथोलिक अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में प्राप्त की। अंग्रेजी के अलावा, उन्हें सिंहली भाषा का भी ज्ञान था। बाद में, सिरिमावो बंडारनाइके ने बौद्ध धर्म अपना लिया था।
साल 1941 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, सिरिमावो बंडारनाइके ने श्रीलंका की सबसे बड़ी महिला स्वैच्छिक संस्था, लंका महिला संघ, का हिस्सा बनीं। वे सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय थीं और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कीं। अपने सराहनीय कामों की बदौलत, सिरिमावो बंडारनाइके को इस समिति की उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष बनने का अवसर मिला।
अगर भारत की बात करें तो इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने पहली बार 1966 में इस पद को संभाला। इंदिरा गांधी 1966 से 1977 और फिर 1980 से 1984 तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। 1984 में उनकी हत्या कर दी गई थी।
इंदिरा गांधी को 1972 में भारत रत्न पुरस्कार मिला था। उसी साल उन्हें बांग्लादेश की स्वतंत्रता में योगदान के लिए मैक्सिकन अकादमी पुरस्कार भी दिया गया। 1973 में उन्हें FAO का दूसरा वार्षिक पदक मिला, और 1976 में नागरी प्रचारिणी सभा ने उन्हें साहित्य वाचस्पति (हिंदी) पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा, 1971 में एक विशेष गैलप जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, वह दुनिया की सबसे लोकप्रिय महिला थीं।